पितृ पक्ष अमावस्या : आज इस मुहूर्त में विदा लेंगे पितर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आश्विन अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि 15-16 दिन पृथ्वी पर विचरण करने के बाद अमावस्या के दिन पितृ विदा लेते हैं। इसलिए इस दिन सभी पितरों का स्मरण करना चाहिए। तिथि में फेर के चलते इस वर्ष सर्वपितृ अमावस्या मंगलवार 19 सितंबर अर्थात आज से शुरू होकर 20 सितंबर को दोपहर 11.15 बजे तक रहेगी।
अगर भूल गए हैं तारीख
माना जाता है कि इस दिन ज्ञात-अज्ञात सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है। इस दिन पितृ हमसे विदा लेते हैं। विद्वानों के अनुसार पितृ अमावस्या के दिन ऐसे पूर्वजों जिनकी मृत्यु की तारीख हमें याद नहीं होती है या फिर फिर हम उनका श्राद्ध करना भूल जाते हैं तो ऐसे भूले बिसरे सभी पितरों का श्राद्ध पितृ अमावस्या को किया जा सकता है।
जल और तिल
श्राद्ध के दिन पितरों का जल और तिल से तर्पण करना चाहिए। तिल का का इस तर्पण में अति महत्व है। कहा जाता है कि इनके बिना पितरों का तर्पण पूर्ण नहीं माना जाता है। जल और तिल के बिना तर्पण करने से पितृ प्यासे ही रह जाते हैं। पवित्र नदियों के तटों सहित गया, व कठियावाड़ का सिद्धपुर जिसे मातृगया के नाम से जाना जाता है, में पितरों का तर्पण करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।
कल स्नानदान
20 सितंबर अर्थात कल स्नानदान अमावस्या का योग है, जिसकी वजह से 19 सितंबर अर्थात आज ही सर्वपितृ अमावस्या मनाई जाएगी।
Created On :   19 Sep 2017 2:46 AM GMT