मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग में बड़ा घोटाला, पहले निर्माण बाद में हुआ टेंडर 

Scam in police housing corporation in madhya pradesh First build then tender
मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग में बड़ा घोटाला, पहले निर्माण बाद में हुआ टेंडर 
मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग में बड़ा घोटाला, पहले निर्माण बाद में हुआ टेंडर 

धर्मेंद्र पैगवार 
डिजिटल डेस्क/भोपाल। पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन का ये कारनामा उस लोकोक्ति को बयां करता है जिसमें कहा जाता है कि पुलिस किसी अपराध या घटना में हमेशा बाद में पहुंचती है। भोपाल के भौरी स्थित पुलिस ट्रेनिंग अकादमी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस मंच से परेड की सलामी ली और जिस मैदान में कार्यक्रम हुए, उसका टेंडर, कार्यक्रम के बाद जारी कर दिया गया। इसमें हास्यास्पद ये भी है कि जिस मंच से सीएम ने भाषण दिया वह मंच का निर्माण टेंडर 15 दिन बाद जारी हुआ।



पुलिस ट्रेनिंग अकादमी में हुए इस चौकाने वाले घटनाक्रम के बाद पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन में मामले की जांच शुरू हुई है। इसकी निर्माण एजेंसी कार्पोरेशन ही है। दरअसल इस साल 31 मार्च को 633 सब इंस्पेक्टर और सूबेदारों की पासिंग आउट परेड आयोजित की गई थी। इस परेड की सलामी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ली। वे परेड ग्राउंड के मंच पर थे और सलामी लेने के बाद उन्होंने इसी मैदान के मंच से समारोह को संबोधित भी किया। कार्यक्रम में डीजीपी रिषी कुमार शुक्ला भी थे।
 


इस कार्यक्रम के होने के ठीक 15 दिन बाद मप्र पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन ने एक टेंडर निकाला। इसमें पहले से निर्माण हो चुके भौरी परेड ग्राउंड के मंच, वहां सीएम के प्रोग्राम में दिखाई दे रही किलेनुमा दीवार, परेड ग्राउंड का एक्सटेंशन जैसे काम के लिए डेंटर जारी कर दिए गए। ये सभी काम पासिंग आउट परेड के पहले ही हो चुके थे। जो कि भज्ञैरी पुलिस अकादमी की वेबसाइट पर पोस्ट पिक्चर्स में 31 मार्च के कार्यक्रम में दिखाई दे रहे हैं। इस मामले में 15 दिन पहले पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन को शिकायत की गई है। 


इस शिकायत के बाद ये मामला सामने आया है। इसमें कहा गया है कि पहले से हो चुके करीब चार करोड़ से ज्यादा के काम के टेंडर कराकर शासन को नुकसान पहुंचाया गया है। चूंकि पुलिस अकादमी की निर्माण एजेंसी पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन ही है इसलिए इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश शुरू हो गई है। अकादमी में हुए कार्यक्रम के पिक्चर और वीडियो दैनिक भास्कर के पास हैं।



इस मामले में एसडीओ सुशील सोनी से बात करने की कोशिश की गई लेकन वे उपलब्ध नहीं हुए। सब इंजीनियर तरुण रावत ने इस मामले की बात सुनते ही फोन काट दिया। परियोजना यंत्री जनार्दन सिंह ने पूरे मामले से पहले तो अनभिज्ञाता दिखाने की कोशिश की फिर कहा कि मैदान में मंच तैयार नहीं था और किला दीवार टेंट की लगाई गई थी। जबकि हमारी पड़ताल में ये साफ सीमेंट कांक्रीट की दिखाई दे रही है। 

Created On :   21 Nov 2017 4:38 PM GMT

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