संकट में विद्यार्थियों का भविष्य, सत्र खत्म होने के बाद भी नहीं मिली छात्रवृत्ति

Social welfare proposal rejected for scholarship in nagpur
संकट में विद्यार्थियों का भविष्य, सत्र खत्म होने के बाद भी नहीं मिली छात्रवृत्ति
संकट में विद्यार्थियों का भविष्य, सत्र खत्म होने के बाद भी नहीं मिली छात्रवृत्ति

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अल्पसंख्यक संस्था में प्रवेशित पिछड़े वर्ग के इंजीनियरिंग छात्र समाज कल्याण विभाग और तकनीकी शिक्षा विभाग के बीच समन्वय के अभाव में छात्रवृत्ति से वंचित रह गए। प्रवेश के समय विद्यार्थियों से छात्रवृत्ति के लिए आवश्यक दस्तावेज लेकर प्रस्ताव भेजे गए, लेकिन अब शैक्षणिक सत्र समाप्त होने के बाद महाविद्यालय विद्यार्थियों से शैक्षणिक शुल्क मांग रहे हैं। छात्रवृत्ति मिलने की आस में प्रवेश लेकर एक साल की पढ़ाई पूरी होने के बाद अचानक शैक्षणिक शुल्क की मांग किए जाने से विद्यार्थियों का भविष्य संकट में आ गया है।

क्या है मामला

अल्पसंख्यक संस्था में 51 प्रतिशत कोटा अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित है। अभियांत्रिकी में विद्यार्थियों के कम रुचि दिखाने से शैक्षणिक वर्ष 2016-17 में अल्पसंख्यक सीटें पूरी नहीं भर पाईं। रिक्त सीटों पर गैरअल्पसंख्यक विद्यार्थियों को प्रवेश देने के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग से अनुमति लेकर कैप राउंड के माध्यम से प्रवेश दिए गए। इसमें जो विद्यार्थी एससी, एसटी, एनटी, ओबीसी प्रवर्ग में आते हैं, उनसे आवश्यक दस्तावेज लेकर छात्रवृत्ति के लिए समाज कल्याण विभाग के पास प्रस्ताव भेजे गए। परंतु समाज कल्याण विभाग द्वारा अल्पसंख्यक कोटे पर विद्यार्थियों को प्रवेश दिए जाने से छात्रवृत्ति देने से मना कर दिया गया। छात्रवृत्ति का प्रस्ताव शैक्षणिक वर्ष के अंत में भेजा गया। परीक्षा समाप्त होने के बाद विद्यार्थियों से शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा शैक्षणिक शुल्क की मांग किए जाने पर पता चला उनका छात्रवृत्ति का प्रस्ताव समाज कल्याण विभाग द्वारा नामंजूर किया गया है। दो विभागों के बीच समन्वय का अभाव रहने से विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित रह गए हैं।

सामान्य वर्ग के विद्यार्थी हकदार

अल्पसंख्यक कोटे की रिक्त सीटों पर सामान्य वर्ग से विद्यार्थियों को प्रवेश दिए जाने से वे छात्रवृत्ति के हकदार है। परंतु समाज कल्याण विभाग द्वारा अल्पसंख्यक कोटे की सीटों पर प्रवेश दिए जाने का बताकर छात्रवृत्ति नकार दी गई है। इस संबंध में समाज कल्याण विभाग को अवगत कराया गया है।
संदीप तड़स, असिस्टेंड डायरेक्टर, तकनीकी शिक्षा विभाग

आयुक्त के पास गया है प्रस्ताव 

समाज कल्याण विभाग के सहायक संचालक विजय वाकुलकर ने कहा कि अल्पसंख्यक कोटे पर भरे गए विद्यार्थियों को समाज कल्याण विभाग की ओर से छात्रवृत्ति नहीं दी जाती। रिक्त सीटों का कोटा बदलकर प्रवेश दिए गए पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने संबंध में कोई भी शासनादेश हमारे पास नहीं था। इसलिए प्रस्ताव नामंजूर किए गए। मामला सामने आने पर सलाह के लिए प्रस्ताव आयुक्त के पास भेजा गया है।

Created On :   6 July 2017 3:42 PM GMT

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