28 से आरएसएस की स्वेदशी संकल्प यात्रा, चाइनीज सामान का विरोध

Swadeshi Sankalp Rath Yatra, Chinese goods will protest from July 28
28 से आरएसएस की स्वेदशी संकल्प यात्रा, चाइनीज सामान का विरोध
28 से आरएसएस की स्वेदशी संकल्प यात्रा, चाइनीज सामान का विरोध

डिजिटल डेस्क,नागपुर. चाइनीज सामान के विरोध में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) स्वदेशी संकल्प रथयात्रा निकालने जा रही है। स्वदेशी जागरण मंच के नेतृत्व में अभियान को गति देने के लिए नागपुर में संघ नेताओं ने बैठक की। संघ के अखिल भारतीय योजना वर्ग की 5 दिवसीय सभा में नीति आयोग व अन्य मामलों पर भी विचार किया गया।


28 जुलाई से 'स्वेदशी संकल्प रथ यात्रा'
स्वदेशी जागरण मंच के नेतृत्व में संघ ने 3 माह तक संकल्प रथयात्रा निकालने का निर्णय लिया है। 28 जुलाई से वाराणसी से यात्रा का होगा। 25 सितंबर को बलिया में यात्रा का समापन होगा। वाराणसी लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री मोदी कर रहे हैं। योजना के अनुरूप प्रधानमंत्री को स्वदेशी मामले में हर जिले से चिट्ठी भेजी जाएगी। इसके लिए अभियान भी चलाया जाएगा। स्वदेशी समर्थक संगठन चाहते हैं कि चीन का भारत में निवेश करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए। साथ ही चीन सीमा से सटे राज्यों में चीन की कंपनियों के विकास मामले में निविदा भरने पर भी रोक लगना चाहिए।
वैश्वीकरण, उदारीकरण व निजीकरण के मामले पर विशेष प्रचार सामग्री तैयार की जा रही है। सावर्जनिक उत्सव के मौके पर लोगों के बीच स्वदेशी विरोधी अभियान को गति दी जाएगी। दशहरा पर रावण के पुतले के साथ निजीकरण, उदारीकरण का पुतला जलाया जाएगा। यह भी बताया गया कि 8 से 17 अक्टूबर तक वाराणसी में 10 दिवसीय स्वदेशी मेले का आयोजन किया जाएगा।

वहीं भारतीय मजदूर संघ ने पहले से ही केंद्र सरकार के विरोध में मोर्चा खोल रखा है। इस संगठन ने नीति आयोग में संरचनात्मक बदलाव की मांग भी की है। संविधान चौक में भारतीय मजदूर संघ ने सरकार के विरोध में नारेबाजी की थी। संघ के एक पदाधिकारी के मुताबिक स्वदेशी का मतलब विश्व बाजार का विरोध करना नहीं है। वैश्वीकरण के इस दौर में अन्य देशों की तकनीकी, वस्तुओं व विकास योजनाओं का आदान-प्रदान अनुचित नहीं है। लेकिन चीन के साथ स्थिति अलग है। चीन बाजार के माध्यम से भारत की आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल असर डालना चाहता है। चीन के साथ भारत ने किसी भी तरह के संबंधों में दीवार बना लेना चाहिए।

सरसंघचालक ने ली जानकारी

रेशमबाग स्थित डॉ. हेडगेवार भवन में 1 से 5 जुलाई तक संघ के अखिल भारतीय योजना वर्ग का आयोजन किया गया। इस दौरान देशभर से संघ के संगठनात्मक मामलों के प्रांत प्रमुख व अन्य पदाधिकारी शामिल हुए। सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने योजना वर्ग में शामिल होकर संघ से जुड़े विविध संगठनों की योजनाओं की जानकारी ली। इस दौरान संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी, सह कार्यवाह दत्तात्रेय होसबले, अरुण कुमार, सुरेश सोनी, प्रवक्ता मनमोहन वैद्य समेत अन्य प्रमुख पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। योजना वर्ग की बैठक में अलग-अलग विषयों पर चर्चा की गई। स्वदेशी जैसे मामले पर अभियान में जनसहभागिता बढ़ाने के लिए भी कहा गया।

 उमा भारती भी हुईं शामिल

संघ के योजना वर्ग के दौरान केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती को बुलवाया गया था। 2 जुलाई को दौरा रद्द होने के बाद वे 5 जुलाई को नागपुर आई। उमा भारती ने नागपुर पहुंचते ही सबसे पहले रेशमबाग पहुंचकर संघ के प्रमुख पदाधिकारियों से चर्चा की। वहीं पर सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत से भी मुलाकात की। हालांकि भारती ने कहा है कि उन्होंने केवल 15 मिनट संघ भवन में बिताये। सरसंघचालक से राजनीतिक मामले पर चर्चा नहीं की। भैयाजी जोशी, दत्तात्रेय होसबले समेत अन्य प्रमुख पदाधिकारियों के साथ राजनीतिक विषय पर भी चर्चा हुई। संघ की स्वदेशी संकल्प रथयात्रा वाराणसी से निकलने वाली है। झांसी से चुनाव जीतीं उमा भारती गंगा सफाई मामले को लेकर वाराणसी व आसपास के क्षेत्रों में राजनीतिक तौर पर भी सक्रिय रही हैं। माना जा रहा है कि स्वदेशी संकल्प रथ यात्रा में भारती का अप्रत्यक्ष सहयोग लिया जा सकता है।

Created On :   8 July 2017 8:25 AM GMT

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