VIDEO : देवी सती की कोहनी से जुड़े हैं ये 6 रोचक FACTS

The Hindu Mythology and Shaktipeeth Harsiddhi Temple of Ujjain
VIDEO : देवी सती की कोहनी से जुड़े हैं ये 6 रोचक FACTS
VIDEO : देवी सती की कोहनी से जुड़े हैं ये 6 रोचक FACTS

डिजिटल डेस्क, उज्जैन। धार्मिक नगरी अवंतिका में एक बार फिर नवरात्र पर नजारा बदल गया है। मां शक्ति के अलग-अलग रूपों की आराधना यहां जगह-जगह देखने मिल रही है। नवरात्र पर मां हरसिद्धि के दरबार में संध्याआरती के समय दीपमालिका प्रज्ज्वलित की गई। घंटे-घड़ियालों की गूंज ने आरती को और भी कर्णप्रिय बना दिया। नवरात्र के अवसर पर यहां हम आपको मंदिर से जुड़े कुछ रोचक FACTS बताने जा रहे हैं...

  1. 51 शक्तिपीठों में से एक इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि जब दक्ष के यज्ञ का विध्वंस हो गया तो भगवान शिव देवी सती का शव लेकर पूरे ब्रह्मांड में घूमे थे। तब सती की कोहनी इस स्थान पर गिरी थी।
  2. ऐसी मान्यता है कि मां हरसिद्धि महान सम्राट विक्रमादित्य की कुलदेवी हैं और वे स्वयं नंगे पैर चलकर उनकी पूजा करने के लिए आया करते थे। 
  3. राजा विक्रमादित्य के बारे में मान्यता है कि उन्होंने मां को 11 बार अपना शीश काटकर चढ़ाया था। तब माता उनसे प्रसन्न हुई और उन्हें वरदान दिया।
  4. वे माता हरसिद्धि की तपस्या करते थे। माता उन्हें हर खतरे का संकेत पहले ही दे देती थीं। सत्य के मार्ग पर चलने और न्याय की प्रेरणा भी उन्हें मां हरसिद्धि से ही प्राप्त होती थी। 
  5. ऐसा भी कहा जाता है कि राजा विक्रमादित्य उन्हें गुजरात से लाए थे। जिसकी वजह से आज भी माता गुजरात के हरसद गांव में स्थित मंदिर में जाती हैं और शाम को पुनः उज्जैन लौट आती हैं। 
  6. जिसकी वजह से सांध्य आरती का महत्व यहां सुबह से ज्यादा है। नवरात्र में सांध्य आरती का दृश्य अति आलौकिक होता है। 

यहां विराजीं हैं देवियां 

चामुंडा माता मंदिर, गढ़कालिका मंदिर, सती माता मंदिर, नगरकोट की महारानी मंदिर, संतोषी माता मंदिर, भूखी माता मंदिर समेत धार्मिक नगरी उज्जैन के मंदिरों में दिनभर श्रद्धालुओं के दर्शन-पूजन का तांता लगा रहा। मंदिर के बाहर लगी दुकानों से पूजा सामग्री और चुनरी खरीद मां के चरणों में अर्पित की और नारियल चढ़ाकर मां का आशीर्वाद लिया। 

Created On :   22 Sep 2017 4:08 AM GMT

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