रूप चतुर्दशी को जलाया जाता है यम दीया, प्रभावी है ये टोटका

The roop chaturdashi 2017 or narak chaturdashi, Read here totke
रूप चतुर्दशी को जलाया जाता है यम दीया, प्रभावी है ये टोटका
रूप चतुर्दशी को जलाया जाता है यम दीया, प्रभावी है ये टोटका

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिवाली के त्योहार में अब तीन दिन ही शेष हैं। कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी कहा जाता है। इस दिन चतुर्मुखी दीप का दान करने से नरक भय से मुक्ति मिलती है। धरतेरस के अगले दिन मनाई जाने वाली नरक चतुर्दशी या रूप चतुर्दशी को लेकर मान्यता है कि सूर्योदय से पहले उठकर तेल लगाकर पानी में चिरचिरी के पत्ते डालकर उसका स्नान करना चाहिए। तेल और उबटन लगाकर स्नान करने से नकारात्मकता भी प्रभावी नही होती। 

काली चौदस  

पुरातन मान्यता के अनुसार इससे रूप निखरता है। पाप कटता है और अकाल मृत्यु का भय नही रहता। विष्णु मंदिर और कृष्ण मंदिर में भगवान का दर्शन करना चाहिए। इस वर्ष यह 18 अक्टूबर बुधवार को मनाई जा रही है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर को यमलोक पहुंचाकर 16 हजार कन्याओं को शरण दी थी। इसलिए इसे काली चौदस भी कहा जाता है।

जलाते हैं यम दीया 

कई घरों में इस दिन रात को घर का सबसे बुजुर्ग सदस्य एक दीपक जला कर पूरे घर में घुमाता है और फिर उसे घर से बाहर ले जाकर कहीं दूर रख देता है। परिवार के अन्य सदस्य घर के अंदर रहते हैं और दीपक को जलता हुआ नही देखते। इसे यम दिया कहा जाता है। इसे लेकर कहा जाता है कि ऐसा करने से बुरी शक्तियां घर के बाहर निकल जाती हैं। अत: नरक चतुर्दशी के दिन यह उपाय अवश्य किया जाना चाहिए। यह एक तरह का टोटका है जिसे घर की सुख व समृद्धि के लिए किया जाता है।

इस दिन शाम को द्वार पर दीपक जलाने और यम पूजा का भी महत्व है, क्याेंकि इसका संबंध यम पूजा से है तो काली शक्तियों काे जगाने के लिए भी इस दिन से ही पूजा प्रारंभ कर दी जाती है। कहा जाता है कि नकारात्मक ताकतों को प्रभावी करने के तांत्रिक दिवाली की रात इस पूजा को करते हैं।

Created On :   16 Oct 2017 4:41 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story