ये 7 राज्य साथ मिलकर तय करेंगे पेट्रोल-डीजल की कीमतें

these seven states to decide petrol and diesel rates together
ये 7 राज्य साथ मिलकर तय करेंगे पेट्रोल-डीजल की कीमतें
ये 7 राज्य साथ मिलकर तय करेंगे पेट्रोल-डीजल की कीमतें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों ने लोगों की जेबों को ढीला कर दिया है। इसे त्रस्त होकर सभी एक सुर में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग कर रहे हैं। इसी बीच देश के 7 राज्यों ने साथ मिलकर एक अहम फैसला लेने का निर्णय लिया है। उत्तर भारत के पड़ोसी देश हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल और राजस्थान ने सहमति बना ली है कि उनके यहां पेट्रोलियम पदार्थो के दाम घटाने अथवा बढ़ाने का निर्णय एकमत से लिया जाएगा। ऐसा करने के पीछे तर्क दिया गया है कि इन सातों राज्यों की सीमाएं आपस में मिलती हैं। अगर कोई पड़ोसी राज्य पेट्रोलियम पदार्थों के रेट कम करेगा तो उसके यहां बिक्री बढ़ने लगेगी और साथ लगते राज्य में बिक्री घटने के साथ ही राजस्व कम होने लगेगा। जिस कारण उस राज्य को नुकसान पहुंचेगा। 

जानकारी के लिए बता दें आपको कि पेट्रोल व डीजल पर जीएसटी और एक्साइज ड्यूटी मिलाकर करीब 57 फीसदी टैक्स देना पड़ता है। देश भर में मांग उठ रही कि पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए, ताकि अधिकतम 28 फीसदी टैक्स ही वसूला जा सके।

राज्य सरकार देख रही है अपना फायदा
पेट्रोल और डीजल के कारण ही किसी भी राज्य की आय में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी होती है। ऐसे में अगर जीएसटी काउंसिल पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाएगी तो राज्यों के राजस्व पर भारी फर्क पड़ेगा। इसी बात को देखते हुए कोई भी राज्य जीएसटी काउंसिल में पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने की पैरवी नहीं कर रहा है।

केंद्र ने दी है थोड़ी छूट 
केंद्र सरकार ने हालांकि राज्यों को पेट्रोलियम पदार्थो पर वैट कम करने का अधिकार दिया है। कुछ राज्य इसे कम करना भी चाहते हैं, लेकिन उत्तर भारत के इन 7 राज्यों ने तय किया कि इतना वैट किसी सूरत में कम नहीं होगा, जिससे आपस में पेट्रोलियम पदार्थो के दामों में अधिक अंतर आ जाए।’

इस बारे में हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का कहना है कि पेट्रोलियम पदार्थों पर लिए जाने वाले टैक्स राज्य की अर्थव्यस्था का आधार होता है, इसलिए इन्हें फिलहाल जीएसटी से बाहर रखा गया है। पेट्रोलियम पदार्थों का मूल्य उत्तर भारत के राज्य मिलकर तय करते हैं। इनमें बहुत अंतर नहीं होता, लेकिन अगर हर जगह दाम अलग-अलग होंगे तो दिक्कतें संभव हैं। 

Created On :   13 Oct 2017 8:58 AM GMT

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