स्कूल में नहीं टॉयलेट, खुले में शौच जाने के लिए मजबूर बच्चे

this school does not have toilets,Children go to toilet in open
स्कूल में नहीं टॉयलेट, खुले में शौच जाने के लिए मजबूर बच्चे
स्कूल में नहीं टॉयलेट, खुले में शौच जाने के लिए मजबूर बच्चे

डिजिटल डेस्क,उमरिया। जिले के पाली विकासखंड की सेहराटोला प्राथमिक स्कूल में शौचालय नहीं है। संस्था में पढ़ने वाले 50 बच्चे शौच के लिए खुले में जाने के लिए मजबूर है। यह दुर्दशा तब है जब दूरे देश को स्वच्छ और खुले में शौच मुक्त करने की मुहिम चला रखी है।

इतना ही नहीं हर स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए अलग टॉयलेट निर्माण के निर्देश जारी हुए थे। बावजूद इसके छात्रों की समस्याएं कार्यालयों में धूल खा रही है। नगर पालिका वॉर्ड क्रमांक 4 में स्कूल संचालन 12 साल पहले शुरू हुआ था। पंजीकृत 50 बच्चों के लिए महज एक शिक्षक पदस्थ है। शिक्षिकीय कार्य के लिए एक वैकल्पिक सुविधा के रूप में हर साल अतिथि की सेवाएं ली जाती हैं। बताया जा रहा है कि स्कूल में शौचालय निर्माण के लिए शासन स्तर से बजट आवंटित हुआ था। गलती और संस्था नाम में श्रुटि होने की वजह से दूसरी संस्था में शौचालय बनवा दिए गए। उस समय न तो संस्था प्रभारी ने ध्यान दिया न ही ब्लॉक में बैठे अधिकारियों ने कोई पहल की।

पूर्व कलेक्टर केजी तिवारी के नगर भ्रमण के दौरान यह समस्या उठाई गई थी। उन्होंने स्थानीय स्तर पर निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी थी। उनके बदलते ही कोई कार्रवाई नहीं हुई। मजबूरी में बच्चों के साथ खुद शिक्षक असुविधा पूर्ण परिसर में पढ़ाने के लिए मजबूर हैं। छात्र समस्या को लेकर बीआरसी और डीपीसी को भी अवगत कराया। इनमें बीआरसी ने फोन रिसीव नहीं किया। वहीं डीपीसी महेंद्र यादव ने महज कार्रवाई का आश्वासन दिया। डीपीसी का कहना था सेहराटोला में शौचालय निर्माण को लेकर क्या दिक्कत है मुझे मालूम नहीं। देखेंगे क्या हो सकता है।

Created On :   2 Sep 2017 7:49 AM GMT

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