शुक्रवार को तीन फिल्मों ने खेला दांव, जानिए कौनसी फिल्म ने मारी पहले दिन बाजी 

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शुक्रवार को तीन फिल्मों ने खेला दांव, जानिए कौनसी फिल्म ने मारी पहले दिन बाजी 
शुक्रवार को तीन फिल्मों ने खेला दांव, जानिए कौनसी फिल्म ने मारी पहले दिन बाजी 

डिजिटल डेस्क,मुंबई। शुक्रवार का दिन बॉलीवुड के लिए  खास दिन होता है। खास इसलिए कि इस दिन बॉलीवुड अपनी किस्मत आज माता है। आज भी बॉक्स ऑफिस पर तीन फिल्मों ने अपना दांव खेला है। आज रिलीज हुई तीनों फिल्में बॉलीवुड के दिग्गजों से भरी पड़ी हैं तो साथ ही तीनों अलग-अलग जोनरे की फिल्में हैं। आइए जानते हैं कि क्या रहा पहले दिन पहले शो का इन फिल्मों रिजल्ट..

सिमरन रिव्यू- सबसे पहले हम बात करेंगे "क्वीन" जैसी हिट फिल्म देने वाली कंगन रनौत की फिल्म "सिमरनट" की। फिल्म की शूटिंग विदेश में हुई है। डायरेक्शन में कोई कमी नहीं है। फिल्म का फर्स्ट हाफ आपको बांधे रखेगी वही दूसरा हाफ कहानी पड़ जाती है। कंगना की एक्टिंग हमेशा की तरह लाजवाब है। म्यूजिक में कुछ खास कमाल नहीं दिखा है। कुल मिलाकर हंसल मेहता ने फिल्म को लेकर जो कुछ सोचा होगा उस तरह फिल्म कमाल नहीं दिखा पाई है। पूरी फिल्म का दारोमदार कंगना पर नजर आ रहा है।

इस फिल्‍म में कंगना रनौत गुजराती लड़की प्रफुल पटेल के किरदार में हैं। प्रफुल तलाकशुदा होती है और अपने फैमिली के साथ ही रहती है, लेकिन फैमिली से उसकी ज्यादा नहीं बनती। इसी बीच एक फ्रेंड की शादी में प्रफुल लॉस वेगास जताई है। जहाँ पर वो एक होटल में जुआ खेलती है और अपना सारा पैसा हार जाती है। पैसा चुकाने के लिए उसने होटल वालों से उधार के पैसे लेकर वापस जुआ खेलती है और वापस से हार जाती है। अब आगे क्या होता है इसको जानने के लिए आपको मूवी देखने जाना पड़ेगा। 

लखनऊ सेन्ट्रल- लखनऊ सेंट्रल एक रियल लाइफ म्यूजिक बैंड से इंस्पायर्ड है। जिसका नाम था हीलिंग हार्ट्स, इस बैंड को आदर्श कारकार जेल के कैदियों ने बनाया था। 
फिल्म में किशन (फरहान अख्तर) नाम का एक लड़का है, जो छोटे शहर से रहता है लेकिन उसके सपने बड़े हैं। किशन का सोचना है कि शहर छोटे होते हैं सपने नहीं। इसी सपने को लेकर सिंगर की चाह में दिल्ली जाने की तयारी कर लेता है। लेकिन इससे पहले कि ये सपना सच होतो, किशन पर एक आईएएस के मर्डर का इल्जाम लग जाता है। कई अपीलों के बावजूद किशन को फांसी कि सजा सुना दी जाती है। फिल्म में रवि किशन उत्तर प्रदेश के सिएम के रोल में हैं। 

यहाँ तक तो सब ठीक चल रहा है फिर आता है एक ऐसा मोड़ जहाँ से किशन को भागने का रास्ता दिख्त है। किशन जेल में ही एक म्यूजिक बैंड बनाने की कोशिश करता है और इस म्यूजिक बैंड की आड़ में अपनी आजादी का रास्ता भी खोजता है। इसके आगे आपको मूवी देखना चाहिए की क्या किशन जेल से आजाद हो पता है ? म्यूजिक की बात करें तो इस फिल्म का म्यूजिक कुछ खास नहीं मालूम होता। फिल्म के गाने कावां-कावां के अलावा किसी और सॉन्ग कुछ खास इंप्रेस नहीं कर पाया।

ओवर ऑल देखा जाए तो फिल्म की कहानी और एक्टर्स की एक्टिंग अच्छी है। इस फिल्म को देखा जा सकता है।

पटेल की पंजाबी शादी रिव्यू- ऋषि कपूर और परेश रावल स्टारर फिल्म "पटेल की पंजाबी शादी" कॉमेडी फिल्म है। फिल्म का प्लॉट पंजाबी परिवार और गुजराती परिवार के बीच अपने बच्चों की शादी में खट्टी मीठी नोक झोंक पर है। 

संजय छैल के डायरेक्शन में बनी फिल्म में ऋषि कपूर पंजाबी परिवार के मुखिया हैं वहीं परेश रावल गुजराती फैमिली के बड़े सदस्य हैं। कहानी में ऋषि कपूर के बेटे वीरदास बने हैं वहीं वीरदास के अपोजिट पायल घोष उनकी प्रेमिका की भूमिका निभा में हैं, जो गुजराती फैमिली से बिलॉन्ग करती हैं। फिल्म में ऋषि और परेश दोनों के सिर पर अपने पंजाबी और गुजराती होने का गुरूर सवार है।

इस बीच दोनों परिवार के बच्चे आपस में मिलते हैं और प्यार हो जाता है। बात घर वालों तर पहुंची हैं, जैसे-तैसे परेश पंजाबी फैमिली और ऋषि गुजराती फैमिली के लिए मान जाते हैं। अब शादी होने में कई तरह के ट्विस्ट और टकराव आते हैं। 

फिल्म में सभी की एक्टिंग और कमेडी का बढिया लड़का लगा है। वहीं ये एक पारिवारिक फिल्म है, जिसे देखा जा सकता है।
 

Created On :   15 Sep 2017 9:01 AM GMT

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