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गणतंत्र दिवस को लेकर मप्र सरकार का अजीब फरमान, यहां पढ़ें पूरी खबर
डिजिटल डेस्क,भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार के आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग ने अपने सभी आदिवासी बाहुल्य जिलों के सहायक आयुक्तों/जिला संयोजकों एवं परियोजना प्रशासकों को अजीबो-गरीब फरमान जारी किया है जिसमें उसने कहा है कि गणतंत्र दिवस 2018 के अवसर पर दो आदिवासी प्रतिनिधियों (जिनमें एक पुरुष और दूसरी महिला हो) को राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री से नई दिल्ली में मिलाने के लिए चयन किया जाए तथा चयनित आदिवासी महिला ऐसी हो जो अकेली नई दिल्ली चलने के लिए तैयार हो और आखिरी मौके पर अपने पति अथवा किसी अन्य को साथ ले जाने के लिए आग्रह न करे। ऐसी चयनित महिला को 21 जनवरी से 3 फरवरी तक कुल 15 दिन नई दिल्ली में रुकना होगा और वह मेडिकली अनफिट भी नहीं होना चाहिए।
फरमान में यह भी कहा गया है कि दोनों आदिवासी प्रतिनिधियों के यात्रा एवं भोजन का व्यय सरकार ही उठाएगी तथा उन्हें अपने पास से कुछ भी खर्च नहीं करना होगा। उन्हें भेंट स्वरुप कुछ वस्तुएं भी दी जाएंगी। इन दोनों आदिवासी प्रतिनिधियों के चयन के बाद उनका संबंधित जिले के एसपी से पुलिस सत्यापन भी कराना होगा जिसमें उनकी उम्र का भी जिक्र होगा तथा आपराधिक रिकॉर्ड वाले का चयन नहीं किया जा सकेगा। प्रतिनिधियों की उम्र 60 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए।
फरमान में आगे कहा गया है कि ये दोनों आदिवासी प्रतिनिधि साधारण हिन्दी में बातचीत करने में सक्षम होने चाहिए। चयनित आदिवासी महिला से लिखित सहमति ली जाएगी कि वह अकेली विभागीय अधिकारी एवं एक अन्य आदिवासी प्रतिनिधि के साथ नई दिल्ली जाने के लिए तैयार है। अति उग्र स्वभाव के आदिवासी प्रतिनिधियों का चयन नहीं किया जाए। इन दोनों प्रतिनिधियों को पारंम्परिक वेशभेषा में आना होगा तथा अपने साथ दो जोड़ी ऊनी गरम वस्त्र भी रखने होंगे। आदिवासी प्रतिनिधियों के चयन में उन आदिवासी पुरुष एवं महिला को प्राथमिकता दी जायेगी जो कि शहरी जीवन से अनजान हैं तथा अधिकारियों के निर्देशों पर सकारात्मक व्यवहार एवं प्रतिक्रिया का पालन करते हों।
मप्र जनजातीय कार्य विभाग आयुक्त राकेश सिंहका कहना है कि नई दिल्ली में एन्ट्री प्रतिबंधित रहती है तथा चयनित व्यक्ति को ही प्रवेश मिल पाता है। इसीलिए यह व्यवस्था की गई है।
Created On :   13 Dec 2017 6:23 AM GMT