8वीं फेल हुआ था ये लड़का, अब मुकेश अंबानी भी हैं इसके क्लाइंट

8वीं फेल हुआ था ये लड़का, अब मुकेश अंबानी भी हैं इसके क्लाइंट

डिजिटल डेस्क, मुम्बई। "पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब- खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब" आपने भी बचपन में ये कहावत जरूर सुनी होगी। अक्सर माता-पिता और परिवार वालों का यही मानना होता है कि अगर पढ़ाई करेंगे तभी अपनी जिंदगी में कोई मुकाम हासिल कर पाएंगे वरना यूं ही जिंदगी बीत जाएगी, लेकिन त्रिशनित ने इस कहावत का अर्थ ही बदल दिया है। आज 8वीं फेल त्रिशनित करोड़ों की कंपनी का मालिक है और बड़े-बड़े उद्योगपतियों को अपनी सेवाएं देता है। महज 23 साल की उम्र में साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट बन चुके हैं, और त्रिशनित से सेवाएं लेने वालों में रिलायंस, सीबीआई, पंजाब पुलिस, एवन साइकिल, अमूल  जैसी बड़ी कंपनियों और सरकारी एजेंसियों के नाम शामिल हैं। 23 साल के "एथिकल हैकर" त्रिशनिल ने जीरो से हीरो बनने की अपनी पूरी कहानी "Human Of Bombay" नाम के फेसबुक पेज पर साझा की है, उनकी ये कहानी वाकई प्रेरणादायक है।

त्रिशनित का बचपने में ही पढ़ाई से मन हट गया था, हिस्ट्री, जियोग्राफी, मैथ्स सब उनके सिर के ऊपर से जाती थी। ऐसे में सोने पे सुहागा ये हो गया कि घर वालों ने त्रिशनित को कंप्यूटर लाकर दे दिया। कंप्यूटर में इंट्रेस्ट के कारण वो पूरा दिन कंप्यूटर में वीडियो गेम खेला करते थे। त्रिशनित का कंप्यूटर के लिए पागलपन देखकर उनके पिता को काफी चिंता होने लगी तो उन्होंने कंप्यूटर पर पासवर्ड लगा दिया, ताकि कि वो गेम न खेल सके, लेकिन उस दिनन एक दिन त्रिशनित ने कुछ ऐसा किया, वहीं से उनका ये सफर शुरू हो गया। 

8 साल की उम्र में किया पहला "पासवर्ड क्रैक"

कंप्यूटर के प्रति पागलपन पर लगाम लगाने के लिए उसके पिता ने जो पासवर्ड लगाया था वो त्रिशनित ने बिना किसी की मदद के चुटकियों में क्रैक कर दिया, जिसे देखकर उसके खुद के पिता भौच्चके रह गए। इसके बाद उन्होनें त्रिशनित अरोड़ा को कंप्यूटर पर समय बिताने के लिए टोकना बंद कर दिया, लेकिन इसका नतीजा ये हुआ कि 8वीं में पढ़ने वाले त्रिशनित फेल हो गए। ये बात जब माता-पिता को पता चली तो उन्होंने त्रिशनित को न ही मारा न डांटा, बल्कि बड़े ही प्यार और आराम से पूछा कि वो जिंदगी में करना क्या चाहते हैं? त्रिशनित ने फिर अपने माता-पिता को दिल का राज बताया। उन्होंने कहा कि वो कंप्यूटर्स पढ़ना चाहते हैं। उन्होंने स्कूल छोड़ने का फैसला लिया जिसमें माता-पिता ने पूरा सहयोग दिया।

"पढ़ाई छोड़कर शुरू किया काम"

स्कूल छोड़ने के बाद त्रिशनित कंप्यूटर की बारिकियां सीखने लगे और 19 साल की उम्र में उन्होनें कम्प्यूटर फिक्सिंग और सॉफ्टवेयर क्लीनिंग के एक्सपर्ट बन गए। इसके बाद उन्होनें छोटे प्रोजक्ट्स पर काम करना शुरु कर दिया। उन्हें उनके काम का पहला चैक 60हजार रूपये का मिला। ऐसे ही दिनों दिन वो अपने काम में परफेक्शन को लेकर काम करते रहे, जिसके बाद उनकी ख्याति बढ़ती गई और उन्होंने अपने काम से मिलने वाले पैसों को जोड़कर अपनी खुद की कंपनी खोल ली। आज वो अपनी खुद की कंपनी के मालिक हैं। उनकी कंपनी का नाम है "टीएसी सिक्योरिटी सॉल्यूशन"। ये एक साइबर सिक्योरिटी कंपनी है जो बड़ी बड़ी कंपनियों को सुरक्षा मुहैया कराती है।

 

अंबानी भी हैं इनके क्लाइंट

21 साल की उम्र में स्टार्टअप करने वाले त्रिशनित की मेहनत ने आज उन्हें एक अलग ही मुकाम पर पहुंचा दिया है। आज वो रिलायंस, सीबीआई, पंजाब पुलिस, एवन साइकिल, अमूल जैसी कंपनियों को साइबर सिक्योरिटी मुहैया कराते हैं। उनकी मानें तो भारत में उनकी कंपनी के 4 ऑफिस हैं और दुबई में भी 1 ऑफिस है। त्रिशनित ने आठवीं में फेल होने बाद स्कूल से दूरी बना ली थी लेकिन बाद में उन्होनें 12वीं डिस्टेंस एजुकेशन से किया और बाद में बीसीए कंप्लीट किया। इसके साथ ही उन्होंने हैकिंग पर "हैकिंग टॉक विद त्रिशनित अरोड़ा" "दि हैकिंग एरा" और "हैकिंग विद स्मार्ट फोन्स" नाम से किताबें लिखी हैं। खबरों की मानें तो उनकी कंपनी का रेवेन्यु 1 करोड़ का रहा है। त्रिशनित को अपनी उपलब्धि के लिए कई ईनाम भी मिल चुके हैं। बड़ी-बड़ी शख्सितों के साथ उनकी तस्वीरें आती रहती हैं।

Created On :   22 Nov 2017 3:48 AM GMT

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