डिजिटल युग में बच्चों की सेफ्टी पर Unicef की रिपोर्ट

डिजिटल युग में बच्चों की सेफ्टी पर Unicef की रिपोर्ट
डिजिटल युग में बच्चों की सेफ्टी पर Unicef की रिपोर्ट
डिजिटल युग में बच्चों की सेफ्टी पर Unicef की रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, न्यूयॉर्क। आजकल बच्चों की इंटरनेट तक पहुंच बड़ी आसान हो गई है। टीवी, मोबाइल, कम्प्यूटर आदि उनकी इस पहुंच को आसान बनाते हैं। इसके कुछ फायदे तो है लेकिन कईं नुकसान भी है। इसी को देखते हुए यूनिसेफ ने रिसर्च रिपोर्ट तैयार करवाई है। इसमें बच्चों तक इंटरनेट की पहुंच के फायदे और नुकसान की छानबीन की गई है।

"स्टेट ऑफ वर्ल्डस चिल्ड्रेन 2017 : चिल्ड्रेन इन ए डिजिटल वर्ल्ड’ नाम की इस रिपोर्ट में डिजिटल दुनिया में बच्चों की सुरक्षा व स्वास्थ्य पर इंटरनेट और सोशल मीडिया के प्रभावों के संबंध में गहन रिसर्च किया गया है। रिपोर्ट में सामने आया है कि दुनिया में हर तीसरा इंटरनेट उपयोगकर्ता बच्चा है। इसका इस्तेमाल ज्यादातर बच्चे और युवा लोग कर रहे हैं और डिजिटल तकनीक उनके जीवन को आसान तो बना रही है लेकिन इसका उनके जीवन पर बुरा प्रभाव भी पड़ रहा है।

यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक एंथनी लेक ने इस रिपोर्ट पर कहा है कि डिजिटल तकनीकें हमारी जिंदगी की नहीं बदलने वाली हकीकत बन गई है। इस डिजिटल दुनिया में हमारी कोशिश है कि हर बच्चे को इंटरनेट के अधिकतम फायदे मुहैया कराएं लेकिन इसमें इसके खतरों को कैसे कम किया जाए इस पर विचार करने की जरूरत है।

इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि डिजिटल युग में बच्चे ‘डार्क वेब’ और क्रिप्टोकरेंसीज जैसे डिजिटल नेटवर्क के जरिए सबसे ज्यादा शोषण व बुरे बर्ताव के शिकार भी हो रहे हैं। इनमें अवैध व्यापार व ऑनलाइन बाल यौन दुर्व्यवहार का आर्डर आदि शामिल है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि दस यौन दुर्व्यवहार वाले यूआरएल में से नौ कनाडा, फ्रांस, नीदरलैंड्स, रूस और अमेरिका के हैं।

Created On :   12 Dec 2017 7:22 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story