व्यापमं मामला : रात पौने 3 बजे तक चली कोर्ट, रसूखदारों को जमानत नहीं

व्यापमं मामला : रात पौने 3 बजे तक चली कोर्ट, रसूखदारों को जमानत नहीं

डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) 2012 में गड़बड़ी कर मेडिकल कॉलेजों में दाखिला दिलाने के मामले में भोपाल कोर्ट ने गुरुवार को रात 2 बजकर 41 मिनट तक सुनवाई की, जिसके बाद कोर्ट ने एसएन विजयवर्गीय, कैप्टन अम्बरीश, एस.एन श्रीवास्तव, डॉ. अजय गोयनका और डीके सत्पथी की जमानत याचिका खारिज कर दी। वहीं 15 आरोपियों को जमानत दे दी गई। ये भोपाल के न्यायिक इतिहास में पहली बार हुआ, जब किसी मामले में रात में इतनी देर तक सुनवाई की गई। 

592 आरोपियों के खिलाफ पेश किया गया चालान

इससे पहले गुरुवार दोपहर सीबीआई ने 592 लोगों के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में चालान पेश किया। इसमें व्यापमं के पूर्व अधिकारी सहित कई प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के चेयरमैन शामिल हैं। इस मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 15 आरोपियों को जमानत दे दी है। ये वे आरोपी हैं जो चालान के वक्त अदालत में पेश हुए थे। वहीं अदालत में पेश होने के बजाए अग्रिम जमानत मांगने वालों पर अदालत शुक्रवार  को फैसला करेगी। जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट की कार्रवाई रात पौने तीन बजे तक चलती रही।

21 आरोपियों की अग्रिम जमानत पर सुनवाई

अदालत ने इन चार संचालकों समेत 21 आरोपियों के अग्रिम जमानत के आवेदन की भी सुनवाई की। अग्रिम जमानत का सीबीआई ने विरोध किया और कहा कि इन लोगों के कृत्य से समाज पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। व्यापमं के पीएमटी- 2012 घोटाले मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश डीपी मिश्रा की अदालत में पेश चालान के दौरान देर रात तक कार्रवाई चलती रही।

सीबीआई के वकील सतीश दिनकर ने कहा कि उन्होंने अग्रिम जमानत का विरोध किया है। उन्होंने बताया कि जिन लोगों के खिलाफ चालान पेश किया गया है उनमें प्रदेश के कुछ प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के अध्यक्ष, डीन, एडमिशन कमेटी और चिकित्सा शिक्षा विभाग के पूर्व अधिकारी शामिल हैं। सीबीआई के वकील दिनकर ने कहा, "चालान पेश करते समय सीबीआई की प्रक्रिया है कि किसी आरोपी की गिरफ्तारी की जरूरत नहीं है। चालान पेश करते समय संबंधित आरोपियों को सूचना भर दी जाती है। पीएमटी घोटाले में कई ऐसे लोग भी अदालत पहुंचे, जिन्हें सीबीआई ने नोटिस देकर बुलाया था।"

सीबीआई के वकील ने बताया है कि निजी मेडिकल कॉलेजों में सरकारी कोटे की आवंटित सीटों में गड़बड़ी करते हुए अपात्र लोगों को सीट का आवंटन कर दिया गया। इसमें कुछ स्टूडेंट्स को घोटाले में आरोपी बनाया गया है। इन स्टूडेंट्स पर आरोप है कि उन्होंने अपने आगे, बाजू या पीछे वाले को नकल कराकर पास कराया।

व्हिसल ब्लोअर आनंद राय ने क्या कहा


व्यापमं मामले में व्हिसल ब्लोअर आनंद राय ने आरोप लगाते हुए कहा है कि इसमें फंसे बड़े लोगों को बचाया जा रहा है, जबकि हम इनकी जमानत का विरोध कर रहे हैं। आनंद राय ने कहा, "सीबीआई की जांच से हम संतुष्ट हैं, जब विनोद भंडारी जेल जा सकते हैं तो रसूखदारों को जेल क्यों नही भेजा जा सकता।" व्हिसल ब्लोअर आनंद राय ने कहा, "मुझ पर रसूखदारों के वकील अजय गुप्ता ने आपत्तिजनक आरोप लगाए हैं, जिसका मैंने विरोध किया है।""

ऐसे होती थी नकल

सामूहिक नकल के जरिए परीक्षा पास करने वाले छात्रों को परीक्षा में मदद के लिए खासतौर पर स्कोरर का चयन किया जाता था। स्कोरर मेडिकल की पढ़ाई में काफी महारत रखते थे, जिसकी वजह से वह आसानी पीएमटी परीक्षा में पूछे सवालों को हल कर पीछे बैठे छात्र या छात्रा को मेरिट में आने में मदद करते थे।

घोटाला एक नजर में

  • पीएमटी में 2000 करोड़ से ज्यादा का लेन-देन हुआ था।
  • 80 लाख रुपए तक एमबीबीएस में दाखिले का रेट था।
  • 5000 से ज्यादा स्टूडेंट्स के भविष्य पर असर।
  • इस मामले में 500 से ज्यादा अभिभावक समेत करीब 2000 लोगों को आरोपी बनाया गया था।

 

Created On :   23 Nov 2017 3:28 PM GMT

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