...जब हवा में 20 मिनट तक झूलता रहा 30 टन का गर्डर

When 30 ton girder hanging in the air for 20 minutes
...जब हवा में 20 मिनट तक झूलता रहा 30 टन का गर्डर
...जब हवा में 20 मिनट तक झूलता रहा 30 टन का गर्डर

डिजिटल डेस्क,नागपुर। रेलवे पुलिया की मरम्मत से परेशानी झेल रहे लोगों को आखिरकार 5 दिन बाद बुधवार की सुबह राहत नसीब हुई। मध्य रेलवे नागपुर मंडल की ओर से सुबह 4 से 8 बजे तक ब्लॉक लेकर गर्डर बदलने का काम पूरा किया गया।

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हैरत की बात यह है कि जिस काम के लिए 4 घंटे भी कम पड़ने का अंदेशा व्यक्त किया जा रहा था उस काम को 1 घंटे पहले ही पूरा कर लिया गया। डेढ़ सौ टन की 2 क्रेन की मदद से यह मुमकिन हुआ। काम के तुरंत बाद ही सुबह 8 बजे ही 5 दिनों से बंद सड़क यातायात व रेल यातायात को सुचारू तरीके से शुरू किया। जिससे सबको राहत मिली। काम खत्म होने के ठीक 1 घंटे बाद यहां से पहली गाड़ी आमला पैसेंजर को पास किया गया। 

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पुलिया की मरम्मत करने के लिए 250 मजदूरों को रेलवे ने बेकअप के लिए रखा था, संसाधनों में किसी तरह की कोई खामी आने पर मजदूरों की सहायता लेन की तैयारी थी, लेकिन सही तरीके से क्रेन ने ही सारा काम कर दिया। काम के बीच डाउन लाइन से गाड़ियों का लगातार आवागमन होता रहा। जिसमें केरल, बिलासपुर व चेन्नई राजधानी पास हुई।  सूत्रों ने बताया कि 2 क्रेन ब्यको रेलवे ने प्रति दिन 3 लाख के किराए पर  लिया था। वहीं रेलवे को गर्डर बदलने के काम मे 40 लाख रुपए तक खर्च आया है। अप लाइन का काम 4 साल पहले ही करने से इसकी लाइफ पहले से ही अच्छी है। ऐसे में उपरोक्त काम के बाद से पूरा पुलिया अगले 25 से 30 वर्षों  तक सुरक्षित माना जा रहा है। सुबह काम जारी था इस बीच वरिष्ठ रेल अधिकारियों का आना जाना शुरू था।

Created On :   1 Nov 2017 5:13 AM GMT

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