अदभुत करिश्मा: यहां ताली बजाते ही जमीन से निकलने लगते हैं पानी के बुलबुले
डिजिटल डेस्क, अहेरी/गड़चिरोली। गरम पानी के कुंड तो हमारे देश में कई जगह है लेकिन ताली बजाते ही गर्म पानी के बुलबुले निकलने का नजारा गड़चिरोली जिले में देखा जा रहा है। यहां के व्यंकटापुर में कुदरत का करिश्मा देख लोग हैरत में पड़ रहे हैं। यहां पर ताली बजाते ही जमीन से पानी के बुलबले निकलने लगते हैं। ताली जितनी जोर से बजाई जाएगी, उतनी ही तेजी से पानी के बुलबुले ऊपर आने लगते हैं।
दुर्गम क्षेत्र में कुदरत का अदभुत करिश्मा
कुदरत के इस करिश्मे को देखने के लिए दक्षिण गड़चिरोली समेत जिले के नागरिक बड़ी संख्या में व्यंकटापुर पहुंच रहे हैं। इसी प्रकार इस स्थल को पर्यटनस्थल का दर्जा देकर इस क्षेत्र का विकास करने की मांग भी जोर पकडऩे लगी है। अहेरी तहसील मुख्यालय से करीब 40 कि.मी. की दूरी पर व्यंकटापुर गांव बसा हुआ है। बेहद दुर्गम एवं घने वनों से घिरे व्यंकटापुर में कुछ वर्ष पहले गांव के व्यंकटेश्वर स्वामी मंदिर के समीप जमीन से पानी के बुलबुले निकलने की बात ग्रामीणों के ध्यान में आयी। ऐसे में अनजाने में ही किसी ने ताली बजा दी तो ताली बजते ही जमीन से पानी के बुलबले निकलने लगे। यह दृश्य देख ग्रामीण भी आश्चर्य में पड़ गये। इसके बाद यह बात परिसर में जंगल में आग की तरह फैल गई। परिसर के गांवों के नागरिक कुदरत के इस अद्भुत करिश्मे को देखने के लिए व्यंकटापुर आने लगे।
बारह महीने बहता है पानी
ग्रामीणों के अनुसार जिस जगह से पानी के बुलबुले निकलते हैं, वहां से पानी का स्त्रोत व्यंकटेश्वर स्वामी मंदिर से होकर गुजरता है और यह पानी बारह मास बहता ही रहता है। इसके अलावा व्यंकटेश्वर स्वामी का मंदिर भी प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ है। व्यंकटापुर मेंं जमीन से निकलनेवाले पानी के बुलबुलों को देखने के लिये प्रतिदिन बड़ी संख्या में पर्यटक व्यंकटापुर आते हैं। यदि प्रशासन इस जगह को पर्यटनस्थल का दर्जा देगा तो, प्रशासन को प्रतिवर्ष हजारों रुपयों का राजस्व प्राप्त होगा, साथ ही इस क्षेत्र के लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा। फलस्वरूप प्रशासन व्यंकटापुर को पर्यटनस्थल घोषित करने की मांग भी क्षेत्र के नागरिकों की ओर से उठने लगी है।
महाशिवरात्रि पर तीन राज्यों से आते हैं श्रद्धालु
व्यंकटापुर के व्यंकटेश्वर स्वामी मंदिर और जमीन से निकलनेवाले पानी के बुलबुलों के कारण व्यंकटापुर गांव को काफी महत्व प्राप्त हुआ है। इस गांव में प्रतिवर्ष महाविशरात्रि के उपलक्ष्य में मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के नागरिक बड़ी संख्या में आते हैं और यहां पर पूजा-अर्चना करते हैं।
स्वामी व्यंकटेश्वर को चढ़ता है जल
व्यंकटापुर में जमीन से पानी के बुलबुले निकलने की घटना ग्रामीणों की आस्था से जुड़ चुकी है और प्रतिदिन सुबह के समय ग्रामीण यहां आकर पूजा-अर्चना करते हैं और बुलबुले निकलनेवाली जगह से पानी लेकर उसी से व्यंकटेश्वर स्वामी की पूजा-अर्चना करते हैं। यह परंपरा पिछले अनेक वर्षों से चली आ रही है। बता दें, इस क्षेत्र में पानी के कुल सात स्त्रोत हैं और उपरोक्त घटना को जोड़कर देखा जाए तो मात्र दो स्त्रोत का पता चल पाया है। अन्य 5 स्त्रोत जंगल क्षेत्र में है, ऐसा ग्रामीणों का कहना है।
Created On :   9 Nov 2017 3:43 PM IST