जानिए किस तरह नारायण मूर्ति ने चुकाया अपने गुरू का कर्ज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम देश-दुनिया में बुलंदियों पर पहुंचाने वाले नारायण मूर्ति एक ऐसी शख्सियत हैं, जो युवाओं के लिए प्रेरणा है। जिन पर किसी भी भारतीय को गर्व हो सकता है। नारायण मूर्ति ने इंफोसिस की स्थापना के लिए अपनी पत्नी सुधा मूर्ति से 10 हजार रुपए उधार लिए थे। अब यही कंपनी देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी है। 20 अगस्त को इनके जन्मदिन के अवसर पर आज यहां हम आपको नारायण मूर्ति के बारे में कुछ अंजानी बातों से आपको रू-ब-रू करा रहे हैं...
1. एनआर नारायण मूर्ति को भारतीय आईटी का पितामाह कहा जाता है।
2. आईआईटी पढ़ने के लिए वे मैसूर से बेंगलुरू आए थे।
3. नारायणमूर्ति की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। जिसकी वजह से वे इंजीनियरिंग की पढ़ाई का खर्च उठाने में असमर्थ थे।
4. उनके सबसे प्रिय शिक्षक मैसूर यूनिवर्सिटी के डाॅ. कृष्णमूर्ति ने नारायण मूर्ति की प्रतिभा को पहचान कर उनकी मदद की।
5. सफलता की बुलंदियों तक पहुंचने के बाद नारायणमूर्ति ने डाॅ. कृष्णमूर्ति के नाम पर एक छात्रवृत्ति प्रारंभ कर के इस कर्ज़ को चुकाया।
6. इनकी अद्भुत प्रतिभा को देखते हुए फ्रांस और ब्रिटेन दोनों ने उन्हें फ्रांस का द लेजियन ऑफ ऑनर और एशियन अवॉर्ड, फिलिनथ्रॉफिस्ट ऑफ द ईयर के खिताब से सम्मानित किया है।
8. भारत सरकार ने भी नारायण मूर्ति को पद्मविभूषण और पद्मश्री जैसे दो प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा है।
9. 50 अलग-अलग मुल्कों में इंफोसिस कंपनी के क्लाइंट्स की तादाद 1045 से ज्यादा है।
10. 70 के दशक में उन्हें बुल्गारिया सरकार के खिलाफ बोलने पर बुल्गारिया में 72 घंटे के लिए जेल की सजा सुनाई गई थी।
11. इसे साल 2012 में फॉर्च्यून की 12 ग्रेट आंत्रप्रेन्योर की लिस्ट में स्थान दिया गया था।
12. पूरी दुनिया में मशहूर हो चुके मूर्ति का परिवार बेहद साधारण जीवन जीता है।
Created On :   20 Aug 2017 12:09 PM IST