पाकिस्तान के इस शहर में एक साथ पूजा करते हैं हिंदू- मुसलमान
डिजिटल डेस्क,पाकिस्तान। पाकिस्तान के बारे में तो सब ही जानते हैं। जहां हर समय लोग डर के साये में जीते हैं। यहां हिंदुओं की हालत तो और भी ज्यादा खराब है। यहां अल्पसंख्यकों पर जुल्म, जबरन धर्म परिवर्तन की खबरें हमेशा ही सोशल मीडिया पर आती रहती हैं, लेकिन यहीं एक ऐसा शहर भी है जहां से कभी भी इस तरह की खबरें नहीं आती। पाकिस्तान के इस शहर में मुसलमानों से ज्यादा आबादी हिंदुओं की है।
इस शहर का नाम है मीठी, जो मीठी थरपाकर जिले में स्थित है। यह शहर पाकिस्तान के लाहौर से करीब 875 किलोमीटर, जबकि भारत के गुजरात के अहमदाबाद से करीब 340 किलोमीटर दूर है। इस शहर में हिंदू- मुस्लिम की एकता की अनोखी मिसाल देखने को मिलती है। कहा जाता है कि जब भी यहां कोई धार्मिक त्योहार या सांस्कृतिक कार्यक्रम होता है तो हिंदू के साथ मुस्लिम लोग भी इन कार्यक्रमों में मिलजुल कर हिस्सा लेते हैं। कहा जाता कि इस शहर में हिंदू और मुस्लिम दिवाली और ईद मिलकर साथ मनाते हैं। यहां के हिंदू धर्म के लोग मुहर्रम के जुलूसों में हिस्सा लेते हैं। तो वहीं हिंदूओं के धर्म का सम्मान करते हुए यहां के मुसलमान गाय को नहीं काटते। यहां तक कि वो बीफ भी नहीं खाते।
मीठी शहर की खास बात ये है कि यहां धार्मिक असहिष्णुता कभी भी देखने को नहीं मिलती। यहां का क्राइम रेट पाकिस्तान के दूसरे शहरों के अपेक्षा बिलकुल कम रहता है। यहां अपराध दर महज दो फीसदी है। यहां कई मंदिर हैं, जिसमें श्री कृष्ण का एक प्रसिद्ध मंदिर भी है।
यहां के मुसलमानों का कहना है कि 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में जब भारतीय सेनाएं मीठी तक पहुंच गई थी, तो उस समय उन्हें रातोंरात यहां से भागना पड़ा था। हालांकि बाद में यहां रहने वाले हिंदूओं ने उन्हें फिर से यहां रहने के लिए मनाया, उसके बाद फिर से वो लोग यहां रहने आ गए।
Created On :   6 Feb 2019 5:39 PM IST