नरकंकालों के लिए फेमस है बर्फीली वादियों से सजी ये 'रुपकुंड झील'

The Human skeletons lake or the Roopkund lake of Uttarakhand
नरकंकालों के लिए फेमस है बर्फीली वादियों से सजी ये 'रुपकुंड झील'
नरकंकालों के लिए फेमस है बर्फीली वादियों से सजी ये 'रुपकुंड झील'

डिजिटल डेस्क, देहरादून। एडवेंचर ट्रैकिंग के लिए ये जगह बेहद खूबसूरत मानी गई है। हिमालय के ग्लेशियर गर्मियां शुरू हो जाती हैं, जिसके बाद इस झील का निर्माण होता है। ये इतनी अधिक खूबसूरत होती है कि इसका नाम ही रूपकुंड पड़ गया है। यह सुंदर झील 5029 मीटर (16499 फीट) ऊंचाई पर है, लेकिन इस झील को लेकर हैरानी तब होती है जब इसके बारे में यह पता चलता है कि ये अपनी खूूबसूरती के लिए नही, बल्कि नरकंकालों के लिए फेमस है। 


इसके चारों ओर बर्फ के ग्लेशियर है। झील की तलहटी में देखने पर इसमें आसानी से नरकंकाल दिखाई दे जाते है। इसमें हर उम्र के लोग शामिल होते हैं। एक बार यहां तीस से अधिक नरकंकाल बरामद किए जा चुके हैं। इसे लेकर अलग-अलग कहानियां भी क्षेत्र में प्रचलित हैं। कोई इसे देवी का प्रकोप मानता है तो कोई भयंकर आपदा। 

 

हड्डियों में दरारें पायी गईं

इन नरकंकालों को बरामद करने के बाद इनका एक्स रे किया गया। उनकी हड्डियों में दरारें पायी गईं। जिसके बाद की गई रिसर्च में पता चला कि यहां अचानक ही ओलावृष्टि हुई होगी, बर्फ के बड़े-बड़े गोले आसमान से बरसे और उनसे ही इन लोगों की मौत हुई होगी। पहले यहां 35 किलोमीटर दूर तक आबादी दिखाई नही देती थी। 

 

नहीं निकल सके बाहर

कुछ विशेषज्ञ ऐसा भी मानते हैं कि यहां से गुजर रहे सैनिक रास्ता भटक गए होंगे। वह यहां लंबी खोज के बाद भी नहीं निकल सके होंगे। जिसके बाद वे लोग यहां से कभी बाहर नहीं निकल सके और यहीं बर्फ में दफन हो गए। 


देवी का प्रकोप
लोग इसे नंदा देवी का प्रकोप भी मानते हैं। बताया जाता है कि जसधावल नाम के राजा को संतान प्राप्त होने वाली थी। इसी खुशी में उसने देवी दर्शन का निर्णय लिया और भव्य महिमा मंडन करते हुए समारोह आयोजित किया। ऐसा माना जाता है कि इससे देवी नाराज हो गईं और राजा, रानी को संतान सहित समाप्त कर दिया। इस झील से कुछ चूड़ियों के टुकड़े और गहने भी मिले हैं जिससे ये अनुमान लगाया जाता है। 
 

Created On :   3 Dec 2017 6:11 AM GMT

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