ब्लडी लेक, क्यों पड़ा इस झील का यह नाम यहां जानें...
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया अजब-गजब जगहों से भरी पड़ी है, कई बार हम जिसे सिंपल समझते हैं वहां ही सबसे बड़ा खतरा हमरा इंतजार कर रहा होता है। एक ऐसी जगह या झील के बारे में आज आपको यहां बताया जा रहा है। जो नजर तो शांत और साधारण ही आती है, लेकिन जब हम इसके बारे में जानते हैं तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इसे खूनी झील के नाम से ही जाना जाता है।
यह खूनी झील भी देश की राजधानी में ही है। दिल्ली में कई युद्ध और विद्रोह हुए हैं। इन सभी घटनाओं ने शहर पर निशान छोड़े हैं। इसे ब्लडी लेक भी कहा जाता है जिसका हिंदी में अर्थ खूनी झील ही होता है, इसका यह नाम 1857 के विद्रोह के बाद ही पड़ा है। कहा जाता है कि विद्रोह के बाद अनेक लोग मौत का शिकार बने। उनका खून यहां बहा जिसकी वजह से इसका यह नाम पड़ा।
रंग खून से लाल हो गया
जब कई भारतीय और ब्रिटिश सैनिकों, महिलाओं और बच्चों की मृत्यु हो गई। इसका रंग खून से लाल हो गया, हालांकि इस झील में लाल रंग का कोई निशान नहीं है। यहां जो कुछ भी खून बहा था वह पहले सूख गया है।
एक छोटे से तालाब की तरह
यह इतना बड़ी नहीं है कि इसे एक झील कहा जाए लेकिन एक छोटे से तालाब की तरह यह मौजूद है। यह चारों ओर से मोटी वनस्पति से घिरा हुआ है। तैरते हुए डकलिंगों के साथ पानी पर हरे रंग की परत इसके नाम के विपरीत एक शांत तस्वीर पेश करता है। लेकिन आपके लिए यह जानना भी बेहद जरूरी है। साथ ही सावधान रहें क्योंकि यहां लगा एक बोर्ड यह भी संकेत देता है कि झील कम से कम 80 फीट गहरी है और इसमें अब लोगों के डूबने की अनेक घटनाएं हो चुकी हैं। इसलिए झील में तैराकी या डाइविंग की अनुमति नहीं है।
Created On :   14 Dec 2017 10:43 AM IST