भारत के इस गांव को कहा जाता है चिड़ियों का सुसाइड पॉइंट, यहां आकर कर लेते हैं पक्षी आत्महत्या!जानें इसके पीछे का कारण

अजब-गजब भारत के इस गांव को कहा जाता है चिड़ियों का सुसाइड पॉइंट, यहां आकर कर लेते हैं पक्षी आत्महत्या!जानें इसके पीछे का कारण

Anchal Shridhar
Update: 2022-11-28 16:23 GMT
भारत के इस गांव को कहा जाता है चिड़ियों का सुसाइड पॉइंट, यहां आकर कर लेते हैं पक्षी आत्महत्या!जानें इसके पीछे का कारण

डिजिटल डेस्क, भोपाल। दुनिया की तरह भारत में भी कई ऐसे स्थान मौजूद हैं, जिनके बारे में जानकर लोग हैरत में पड़ जाते हैं। यहां के असम राज्य में एक ऐसा ही स्थान है जहां पक्षी आत्महत्या कर लेते हैं! असम की बोरेल पहाड़ियों के बीच में बसे जतिंगा नाम के गांव को चिड़ियों का सुसाइड पॉइंट कहा जाता है। बताया जाता है कि इस गांव में आने के बाद पक्षी सुसाइड कर लेते हैं। हालांकि सुसाइड शब्द का उपयोग इंसानो के लिए किया जाता है क्यूंकि ऐसा वहीं करते हैं। लेकिन यह बेहद आश्चर्य की बात है कि चिड़िया खुद से अपनी जान दे दें। 

आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण

असम के जतिंगा गांव में पांच-दस नहीं बल्कि हर साल सैंकड़ों पक्षी सुसाइड कर लेते हैं। इनमें स्थानीय पक्षियों के अलावा यहां बाहर से आने वाले प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यहां ज्यादातर सितंबर से नवंबर महीने के बीच पक्षी सुसाइड करते हैं। ये पक्षी इधर-ऊधर मरे पड़े हुए मिलते हैं। इसके पीछे एक कारण यह भी माना जाता है कि पक्षियों की तेज गति में उड़ने की वजह से किसी पेड़ या भारी भरकम चीजों से टकरा जाते हैं जिसके चलते वह अपना दम तोड़ देते हैं। 

पक्षी विशेषज्ञों का यह है कहना

स्थानीय लोगों की कहना है कि शाम के सात बजे से लेकर रात के दस बजे के बीच ही पक्षियों की मौत ज्यादातर होती है। जतिंगा गांव अपने प्राकृतिक कारणों की चलते राज्य के दूसरे शहरों से करीब नौ महीने तक कट जाता है। देर रात गांव में जाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। पक्षी विशेषज्ञों के मुताबिक इस जगह पर मैग्नेटिक बल अधिक होने के चलते पक्षी इमारत या फिर किसी पेड़ से टकरा जाते हैं। यहां पर हवाएं भी तेज गति से चलती हैं। जिस वजह से पक्षी उड़कर बिजली के तारों के करीब पहुंचकर उनसे टकरा जाते हैं और उनकी मौत हो जाती है। 

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