टोक्यो ओलंपिक एक नजर में: नीरज के गोल्ड से मैरीकॉम की हार तक, ऐसा रहा ओलंपिक का सफर

टोक्यो ओलंपिक एक नजर में: नीरज के गोल्ड से मैरीकॉम की हार तक, ऐसा रहा ओलंपिक का सफर

Juhi Verma
Update: 2021-08-07 13:56 GMT
टोक्यो ओलंपिक एक नजर में: नीरज के गोल्ड से मैरीकॉम की हार तक, ऐसा रहा ओलंपिक का सफर
हाईलाइट
  • टोक्यो ओलंपिक में भारत का शानदार सफर
  • भारतीय खिलाड़ियों ने जीते कुल 7 मेडल
  • सिल्वर से हुआ आगाज
  • गोल्ड के साथ अंजाम

डिजिटल डेस्क, टोक्यो। टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत का सफर खत्म हो चुका है। और जिस सुनहरे अंदाज में ये सफर थमा है हर खेल प्रेमी की यही कामना होगी कि हर बार ओलंपिक का सफर इतना ही शानदार हो या इससे बेहतर हो। ओलंपिक में इंडिया के सफर का आगाज सिल्वर मेडल से हुआ और सफर का अंत गोल्ड मेडल के साथ हुआ। इसके साथ ही इस ओलंपिक इवेंट में भारत और भारत के खिलाड़ियों ने कई कीर्तिमान रचे।
टोक्यो ओलंपिक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड
नीरज चोपड़ा- जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल
इस ओलंपिक इवेंट में भारत के नाम एकमात्र गोल्ड आया है। जिसे जीतने का श्रेय नीरज चोपड़ा को जाता है। इस दिन की तैयारी नीरज ने शायद नवंबर 2017 में ही कर ली थी। कम से कम उनका पिन्ड ट्वीट तो इसी तरफ इशारा करता है।


भारत का नया कीर्तिमान
भारत के खिलाड़ियों ने गोल्ड मेडल तो पहले भी जीते। पर ये पहला मौका है जब किसी ट्रेक एंड फील्ड इवेंट में भारत के नाम गोल्ड मेडल दर्ज हुआ है।


छोटे-छोटे रिकॉर्ड से बना बड़ा इतिहास

  • कुछ ऐसे खेल भी रहे जिसमें जिसमें भारत ने जीत हासिल नहीं की। जीत से यहां आशय मेडल से है। पर ऐसी उपलब्धि जरूर हासिल की जो आने वाले ओलंपिक्स में दूसरे खिलाड़ियों की जीत की राह आसान करेगी। 
  • टोक्यो ओलंपिक ऐसा पहला ओलंपिक है जिसमें महिला हॉकी टीम सेमीफाइनल तक पहुंची।
  • गोल्फ के खेल में खिलाड़ी अदिति अशोक ने रचा इतिहास। भारत पहली बार गोल्फ में चौथे स्थान तक पहुंचा।
  • फीमेल डिस्कस थ्रो में भी भारत की खिलाड़ी पहली बार फाइनल तक पहुंची। 
  • टोक्यो ओलंपिक ऐसा पहला इवेंट है जिसमें भारत ने अब तक सबसे ज्यादा मेडल जीते। इससे पहले साल 2012 में हुए ओलंपिक में भारत ने सर्वाधिक छह मेडल जीते थे। इसके बाद साल 2016 के ओलंपिक्स में भारतीय खिलाड़ी सिर्फ दो ही मेडल जीत पाए। जिसमें से एक मेडल पीवी सिंधू ने बेडमिंटन में और दूसरा मेडल साक्षी मलिक ने पहलवानी ने में जीता था। इस तरह क्रमशः एक सिल्वर और एक कांस्य पर भारत का सफर खत्म हो गया था।


इस बार टोक्यो ओलंपिक में भारत के नाम 7 मेडल हासिल हुए हैं। जिसमें
गोल्ड मेडल- नीरज चोपड़ा, जेवेलिन थ्रो
सिल्वर मेडल- रवि दहिया (कुश्ती), मीरा बाई चानू (वेट लिफ्टिंग)
ब्रॉन्ज मेडल- पीवी सिंधू (बेडमिंटन), बजरंग पूनिया (कुश्ती), लवलीना बोरगोहेन (बॉक्सिंग), पुरूष हॉकी टीम (टीम इवेंट)


गौरव चोपड़ा की सफलता इस ओलंपिक में अप्रत्याशित ही कही जा सकती है। वो भी ऐसे समय पर जब कई ऐसे खिलाड़ीं जिन पर नजरें टिकी थी और मेडल की उम्मीद थी उन्होंने निराश किया।
मेरीकॉम- बॉक्सिंग
मनु भाकर- शूटिंग
सौरभ चौधरी- शूटिंग
दीपिका कुमारी- तीरंदाजी
विनेश फोगाट- कुश्ती
इसके अलावा टोक्यो ओलंपिक में एक और मायने में खास रहे। वो ये कि इस बार पहली बार सबसे ज्यादा खिलाड़ियों का दल ओलंपिक में भाग लेने पहुंचा। टोटल 18 खेलों में भारत के 128 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। 


 

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