जो रूट निर्धारित उससे अलग बस्तियों में घुस रहीं बसें, चौपट हो रहा यातायात

लिंक रोड से लेकर गेट नंबर-4 और आसपास 3 से 4 किलोमीटर के एरिया में पीक टाइम पर निकलना मुश्किल, पहले कार्रवाई भी होती थी अब खुली छूट

Safal Upadhyay
Update: 2023-07-15 09:08 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

शहर में इंटर स्टेट बस टर्मिनल इसलिए बना कि इसी बस टर्मिनल से सभी बसें छूटेंगी और बाहरी हिस्से से यहाँ तक पहुँचेगी। बाहरी रूट से मुख्य स्थान तक सवारी बस पहुँचने का सिलसिला कुछ महीनों तक चला, लेकिन कुछ समय बाद इसको भुला दिया गया और अब कुछ रूट की बसें बाहर से जाने की बजाय शहरी बस्तियों में घुसकर ट्रैफिक का कबाड़ा करने पर उतारू हैं। मण्डला के हिस्से से आने वाली बसें तो पश्चिमी हिस्से के चौराहों पर हर कुछ घंटों में जाम की स्थिति पैदा कर रही हैं। इस हिस्से में गेट नंबर चार चौराहा, लिंक रोड चौराहा व उखरी तिराहा में केवल इसलिए जाम लगता है कि बसें कई बार ट्रैफिक को आगे नहीं बढ़ने देतीं। जो रूट निर्धारित है उसके अनुसार इनको शहर के बाहरी हिस्से से अंधमूक चौराहे से आगे पाटन, कटंगी बायपास चौराहे से दीनदयाल बस टर्मिनल तक पहुँचना है पर इस रूट का पालन कोई भी बस संचालक नहीं करता। लोगों का कहना है कि ट्रैफिक और परिवहन विभाग की अनदेखी की वजह से ऐसे हालत पैदा हुए और इनकी वजह से कई हिस्सों में ट्रैफिक जाम हो रहा है।

शहर में बसों की संख्या

1200 कुल पंजीकृत बसें हैं

300 इनमें स्कूल बसों की संख्या

400-500 रोड पर संचालित हो रही हैं

35-40 बसें ऑल इंडिया परमिट की

55-60 शहरी बस्तियों से निकलती हैं

फ्लाईओवर बनने से समस्या कम होगी

दमोहनाका-मदन महल फ्लाईओवर के बन जाने के बाद कुछ हद तक ऐसी बसों का प्रवेश शहर के भीतरी हिस्सों में कम हो जाएगा। फ्लाईओवर के ऊपर से ये बसें दीनदयाल चौक तक आसानी से पहुँच सकती हैं, इससे पहले अभी कम से कम एक साल तक इनका नियंत्रण जरूरी है। परिवहन विभाग यदि निगरानी करे तो इन बसों को बस्तियों या काॅलोनियों के बीच आने से रोका जा सकता है। जो रूट निर्धारित है उसका पालन कराया जा सकता है पर परिवहन विभाग इस पर नजर ही नहीं रखता। इस संबंध में आरटीओ जितेन्द्र रघुवंशी से संपर्क करने का प्रयास किया गया पर बात संभव नहीं हो सकी।

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