जबलपुर: 4 ग्राम हीमोग्लोबिन के साथ आई हाई रिस्क गर्भवती को भर्ती करने से किया मना

  • ब्लड बैंक ने भी ब्लड देने से पीछे खींचे हाथ, निर्देशों की अवहेलना
  • भोपाल से आईं अधिकारी की मौजूदगी में हुई घटना
  • एल्गिन के अधीक्षक को नोटिस

Safal Upadhyay
Update: 2024-04-29 11:26 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मातृ मृत्युदर में कमी लाने शासन द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों पर पानी फेरने का काम अब चिकित्सक खुद कर रहे हैं। दरअसल मात्र 4 ग्राम हीमोग्लोबिन के साथ शासकीय अस्पताल आई हाई रिस्क गर्भवती महिला को चिकित्सकों ने भर्ती करने से मना कर दिया, इतना ही नहीं, ब्लड बैंक ने भी ब्लड देने से हाथ पीछे खींच लिए। मामला संभाग के सबसे बड़े प्रसूति अस्पताल रानी दुर्गावती चिकित्सालय (लेडी एल्गिन) से जुड़ा है।

शनिवार को 6 माह की गर्भवती आशा कोरचाम पति वीरेंद्र कोरचाम को 4 ग्राम हीमोग्लोबिन के साथ विकासखंड कुंडम से रानी दुर्गावती चिकित्सालय रेफर किया गया। वे आशा कार्यकर्ता सुनीता बरकड़े के साथ करीब 1 बजे एल्गिन अस्पताल पहुंचीं।

यहाँ ड्यूटी पर उपस्थित डॉ. दीपचंद श्रीवास्तव ने महिला की स्थिति देखते हुए ब्लड की व्यवस्था करने के लिए कहा और इसके अभाव में अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया। वहीं ब्लड बैंक में लैब टेक्नीशियन आशीष दाहिया ने डाेनर लेकर आने की बात कहते हुए ब्लड देने से मना कर दिया।

2 घंटे बीतने के बाद भी महिला को भर्ती नहीं किया गया। इधर इसी दौरान भोपाल से मेटरनल हेल्थ डिप्टी डायरेक्टर डॉ. अर्चना मिश्रा अस्पताल में मिडवाइफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के निरीक्षण के लिए पहुँचीं थीं।

उनके संज्ञान में यह मामला आया तो गर्भवती महिला को भर्ती न किए जाने पर बेहद नाराज हुईं और तुरंत ही विभाग के अधिकारियों को अस्पताल प्रबंधन से जवाब माँगने के निर्देश जारी किए। इसके बाद सीएमएचओ द्वारा अस्पताल अधीक्षक को 3 दिन में उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

ब्लड बैंक में 20 यूनिट ब्लड, फिर भी देने से किया मना

शीर्ष अधिकारियों से मिले निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग से अधिकारियों ने मामले की पड़ताल की, तो यह बात सामने आई कि एल्गिन ब्लड बैंक में 20 यूनिट ओ पॉजिटिव रक्त मौजूद था, इसके बाद भी ब्लड देने से मना किया गया और डोनर लाने कहा गया।

मौके पर पहुँचे डीपीएम विजय पांडेय द्वारा गर्भवती महिला द्वारा शिकायत किए जाने के बाद की गई पड़ताल में यह बात सामने आई। इसके बाद जब ड्यूटी पर मौजूद डॉ. दीपचंद श्रीवास्तव और डॉ. मीनाक्षी से भर्ती न करने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. तुषार गुप्ता द्वारा बीटी के लिए ब्लड नहीं उपलब्ध कराया जाता, इसलिए गर्भवती महिला को स्वयं ब्लड की व्यवस्था करने और फिर भर्ती करने के लिए कहा गया।

बिना डोनर के देना था ब्लड, शासन के निर्देशों की अवहेलना

सीएमएचओ द्वारा जारी नोटिस के अनुसार हाई रिस्क गर्भवती महिला को बिना किसी डोनर के नि:शुल्क रक्त की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी है और उपचार से मना नहीं करना है, ऐसे निर्देश राज्य स्तर से जारी किए गए हैं।

हाई रिस्क गर्भवती महिला को तत्काल मातृ स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जानी हैं, ताकि मातृ मृत्युदर में कमी लाई जा सके, इसके बाद भी चिकित्सक एवं कर्मचारी द्वारा निर्देशों की अवहेलना की गई। पूरे घटनाक्रम के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा गर्भवती महिला को भर्ती कराया गया, जहाँ उपचार जारी है।

भोपाल से आई टीम द्वारा निर्देश मिलने के बाद हाई रिस्क गर्भवती महिला को भर्ती करने से मना किए जाने पर एल्गिन अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

डॉ. संजय मिश्रा, सीएमएचओ

Tags:    

Similar News