जबलपुर: मायूस होने की जरूरत नहीं, क्योंकि 15 केंद्रों में अब फिर से होगी 10वीं-12वीं की परीक्षा

  • अब तक चार हजार से ज्यादा आवेदन आए
  • 21 मई को होंगे एग्जाम, इसमें भी फेल हुए तब भी एक और मौका
  • परीक्षा जिले के 15 केंद्रों में आयोजित की जाएगी।

Safal Upadhyay
Update: 2024-05-09 10:20 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की हायर सेकेंडरी परीक्षा का रिजल्ट इस बार 64.49 फीसदी रहा। मतलब साफ है कि तकरीबन 36 फीसदी परीक्षार्थी किसी न किसी विषय में फेल हो गए। जबलपुर जिले में ऐसे परीक्षार्थियों की संख्या हजारों में है।

अब इनमें से तकरीबन साढ़े चार हजार छात्र रुक जाना नहीं स्कीम के जरिए दोबारा परीक्षा में शामिल होंगे। इसके पीछे शासन की मंशा है कि मुख्य परीक्षा में फेल होने वाले छात्र न मायूस हों और न ही उनकी पढ़ाई में किसी तरह की रुकावट आए।

बोर्ड परीक्षा में फेल हुए छात्रों के लिए रुक जाना नहीं योजना के तहत ओपन स्कूल बोर्ड इस महीने 21 मई को परीक्षा का आयोजन करेगा। परीक्षा जिले के 15 केंद्रों में आयोजित की जाएगी।

पता चला है कि परीक्षा के लिए 10वीं के 3 हजार से ज्यादा परीक्षार्थियों ने आवेदन किया है। वहीं 12वीं की बात की जाए तो परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या तकरीबन 1200 बताई जा रही है।

जितने विषय में फेल सिर्फ उसी की परीक्षा

जो परीक्षार्थी मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा में फेल हो जाते हैं, उन्हें रुक जाना नहीं योजना में शामिल होकर पास होने का मौका मिलता है। जानकारों का कहना है कि जितने विषयों में वे फेल होते हैं उन्हें केवल उन विषयों की परीक्षा में पास होना होता है।

फेल छात्रों के लिए 2016 से शुरू हुई थी योजना

रुक जाना नहीं योजना 2016 में शुरू की गई थी। जो छात्र बोर्ड परीक्षा में फेल हो जाते थे कई बार वे गलत कदम भी उठा लेते हैं। रुक जाना नहीं योजना में उन्हें यह मौका मिलता है कि वे जिन विषयों में फेल हो गए हैं उनकी परीक्षा फिर दे सकते हैं।

एक और खास बात यह है कि अगर छात्र मई में होने वाली परीक्षा में भी कुछ विषयों में फेल हो जाते हैं तो उन्हें दिसंबर में एक और मौका मिलता है। वे उसमें भी परीक्षा देकर पास हो सकते हैं। इससे उनका साल बर्बाद होने से बच जाता है। इस तरह से उन्हें छह महीने में ही दो बार मौके मिल जाते हैं और उनका कैरियर खराब नहीं होता।

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