शहर भर में होंगे धार्मिक अनुष्ठान, आज माँ नर्मदा को अर्पित की जाएगी चुनरी
6 शुभ योगों के साथ कल मनेगा गंगा दशहरा
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
हिन्दू धर्म में गंगा दशहरा का बड़ा महत्व है। इस दिन माँ गंगा की पूजा धूमधाम से की जाती हैै। गंगा दशहरा ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 29 मई को सुबह 8:52 बजे लगेगी और 30 मई को सुबह 10:05 बजे तक रहेगी। पं. रोहित दुबे, पं. वासुदेव शास्त्री, पं. राजकुमार शर्मा शास्त्री के अनुसार दशमी तिथि 30 मई को पूर्वाह्न व्यापिनी है। 30 मई को ही गंगा दशहरा मनाया जाएगा। इस दौरान 6 शुभ योग बनेंगे। हस्त नक्षत्र, सिद्धि योग, श्रीवत्स योग, सौम्य योग, रवि योग, गर करण योग बनेंगे। ऐसी मान्यता है िक गंगा दशहरा पर गंगा स्नान करने से दस जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है। गंगा स्नान न कर पाने की स्थिति में श्रद्धालु घर पर ही पानी में गंगा जल िमलाकर स्नान करेंगे। वहीं बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने के लिए माँ नर्मदा के तटों पर भी पहुँचेंगे। इसके अलावा शहर भर में विविध धार्मिक अनुष्ठान आयोजित िकए जाएँगे। अनुष्ठानों की तैयारियाँ प्रारंभ कर दी गई हैं।
निर्जला एकादशी 31 मई को- निर्जला एकादशी 31 मई को मनाई जाएगी। ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि निर्जला एकादशी या भीमसेनी एकादशी के नाम से जानी जाती है। मान्यता है कि निर्जला एकादशी के व्रत से वर्ष भर के समस्त एकादशी के व्रत का फल मिल जाता है। ज्येष्ठ शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि 30 मई को दिन में 10:05 बजे से प्रारंभ होगी और 31 मई को 10:51 बजे तक रहेगी। इस दिन निर्जल एवं निराहार रहकर भक्तिभाव के साथ पीले वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विधान है। व्रत का पारण दूसरे दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के बाद किया जाता है।
900 फीट की चुनरी होगी अर्पित- गंगा दशहरा के एक दिन पूर्व आज प्रात: 7 बजे हरे कृष्णा आश्रम, भेड़ाघाट से उस पार तक माँ नर्मदा-वैनगंगा का शृंगार 900 फीट लम्बी चुनरी से किया जाएगा। इस दौरान माँ नर्मदा एवं वैनगंगा का दुग्धाभिषेक एवं महाआरती की जाएगी। स्वामी रामचंद्र दास के सान्निध्य में पूजन होगा। उपस्थिति की अपील डॉ. सुधीर अग्रवाल, डॉ. शिव शंकर पटेल आदि ने की है।