कटनी-उमरिया की सीमा रेखा पर पिपही के साथ उमरार से भी प्रतिबंधित अवधि में हो रहा खनन

जाजागढ़ से लेकर सुतरी-इमलिया तक बेखौफ चल, रहीं मशीनें, नदी के अंदर से निकाली जा रही रेत

Abhishek soni
Update: 2023-09-07 16:32 GMT

डिजिटल डेस्क कटनी/उमरिया। एक जुलाई से 30 सितंबर तक रेत के खनन पर प्रतिबंध रहता है। एक अक्टूबर से 30 जून तक की नौ महीने की अवधि के दौरान रेत का खनन तो किया जा सकता है लेकिन पानी के अंदर मशीनें नहीं उतारी जा सकती हैं। और पानी के अंदर से रेत निकालने की अनुमति तो किसी को किसी सूरत में नहीं है। ये सारे नियम कटनी और उमरिया की सीमा रेखा पर बहने वाली नदियों में बखूबी टूट रहे हैं। जाजागढ़ से लेकर सुतरी-इमलिया तक पिपही और उमरार नदी में बेधडक़ मशीनें उतारी जा रही हैं और बेखौफ पानी के अंदर से रेत निकालीजा रही है। इसी से जुड़े फोटो और वीडियों वायरल हुए हैं। जाजागढ़ के प्रतिबंधित वनक्षेत्र जो कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का बफर एरिया है में पिपही नदी से पोकलेन मशीनों के जरिये रेत निकाली जा रही है। दूसरी ओर विजयराघवगढ़ और बड़वारा की सीमा रेखा पर, उमरार नदी में जेसीबी को नदी के अंदर उतार कर, पानी के अंदर से रेत निकाली जा रही है। दोनों स्थानों पर न सिर्फ रेत का अवैध खनन किया जा रहा है बल्कि भंडारण स्थल की टीपी पर अवैध रूप से उत्खनित रेत का परिवहन भी किया जा रहा है।

एक-दूसरे पर डाल रहे मामला

प्रतिबंधित अवधि में रेत के खनन के एक-एक कर सामने आ रहे मामलों के बीच खनिज और वन विभाग एक-दूसरे पर मामला डालने लगे हैं। पहला बयान बांधवगढ़ पनपथा एसडीओ फते सिंह निनामा का आया, जिसमें उन्होंने जाजागढ़ में जहां खनन हो रहा है, वह क्षेत्र राजस्व के अंतर्गत होने की बात कही। साथ ही यह भी कहा कि जाजागढ़ में रेत ठेका कंपनी को खदान स्वीकृत है। दूसरा बयान बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के प्रभारी डायरेक्टर तथा याहडोल वन वृत्त के सीसीएफ एल.एल. उइके का आया। श्री उइके ने जल्द दोबारा टीम भेजने और वन क्षेत्र में खनन पाये जाने पर दोषियों पर कार्रवाई की बात कही। उन्होंने शहडोल तथा सीधी जिले की सामा पर ििसत सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य क्षेत्र में भी टीम भेजकर जांच करवाने की बात कही।

दोनों जिलों के खनिज अधिकारी बीमार पड़े

यह संयोग ही है कि कटनी व उमरिया जिले की सीमा पर बहने वाली उमरार तथा पिपही नदी से रेत का अवैध खनन किये जाने की गूंज के बीच दोनों ही जिलों के खनिज अधिकारी बीमार हो गये हैं। कटनी के जिला खनिज अधिकारी ने बीमारी के चलते मुंबई में होने की बत कही। उमरिया की जिला खनिज अधिकारी फरहत जहां ने खुद के माइग्रेन से पीडि़त होने के चलते रेस्ट पर होने की बात कही। अब जबकि दोनों जिलों के खनिज अधिकारी बीमार चल रहे हैं गेंद कलेक्टर के पाले में आ गई है कि वे प्रतिबंधित अवधि में रेत के खनन के इस बड़े मामले पर एक्शन लें।

Tags:    

Similar News