लोकसभा क्षेत्र: 45% मराठी भाषी मतदाता करेंगे दक्षिण मुंबई के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला

  • दोनों शिवसेना के बीच मुकाबला
  • मुस्लिम और उत्तर भारतीय मतदाताओं पर भी ध्यान

Tejinder Singh
Update: 2024-05-05 14:49 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान | दक्षिण मुंबई लोकसभा क्षेत्र महाराष्ट्र के महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्रों में से एक है। यह आर्थिक राजधानी मुंबई की अहम लोकसभा सीट मानी जाती है। प्रमुख उद्योगपति, राजनेता, नौकरशाह यहीं रहते हैं। इस सीट पर इस बार शिवसेना (उद्धव) बनाम शिवसेना (शिंदे) के बीच कांटे की टक्कर होने वाली है। शिवसेना (उद्धव) ने वर्तमान सांसद अरविंद सावंत को फिर से चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि शिवसेना (शिंदे) ने भायखला विधानसभा क्षेत्र की विधायक यामिनी जाधव को इसी सीट से उम्मीदवारी दी है। इस लोकसभा क्षेत्र में मराठी मतदाताओं का दबदबा है। दूसरे नंबर पर मुस्लिम मतदाता और तीसरे नंबर पर उत्तर भारतीय वोटर हैं। यहां 45 प्रतिशत मराठी, 19 प्रतिशत मुस्लिम और 13 प्रतिशत उत्तर भारतीय मतदाता हैं। इन पर सभी प्रत्याशियों की नजर है। हालांकि किसी भी प्रत्याशी की नैया पार करने में मराठी मतदाता ही निर्णायक भूमिका निभाते हैं।


बंट सकता है मराठी मतदाताओं का वोट: इस लोकसभा क्षेत्र में मलबारहिल, कोलाबा, मुंबादेवी, भायखला, वर्ली और शिवड़ी यह 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें शिवड़ी और वर्ली विधानसभा क्षेत्र में मराठी मतदाताओं की संख्या अधिक है। इसी तरह भायखला, मुंबादेवी, कोलाबा और मलबारहिल विधानसभा क्षेत्रों में सभी समाज के मतदाता हैं। इस बार महायुति को मनसे का साथ मिलने से मराठी मतदाताओं का वोट बंट सकता है, क्योंकि मराठी समाज का एक तबका शिवसेना के साथ है। राजनीतिक पंडितों के मुताबिक, पिछले लोकसभा चुनाव में मनसे ने कांग्रेस-राकांपा की आघाडी को अपना साथ दिया था। इसके चलते कांग्रेस प्रत्याशी मिलिंद देवड़ा के वोटों की संख्या काफी बढ़ गई थी।

दूसरे नंबर पर मुस्लिम मतदाता

इस लोकसभा सीट पर मराठी मतदाताओं के बाद दूसरे नंबर पर मुस्लिम मतदाता हैं। मराठी वोटों में विभाजन को भांपते हुए दोनों ही शिवसेना के प्रत्याशी मुस्लिम मतों पर अधिक फोकस कर रहे हैं। यह पहली बार है कि मुस्लिम इलाकों में शिवसेना (उद्धव) के नेता आदित्य ठाकरे ज्यादा सभाएं कर रहे हैं। हालांकि शिवसेना (शिंदे) की विधायक यामिनी जाधव जिस भायखला विधानसभा क्षेत्र से आती हैं, वहां के मुस्लिम मतदाताओं में उनका और उनके पति-पूर्व नगरसेवक यशवंत जाधव की पैठ पहले से बनी हुई है।


अब तक का समीकरण: शिवसेना (उद्धव) का भाजपा से गठबंधन टूट जाने से भाजपा के पारंपरिक मारवाड़ी-गुजराती मतदाता अरविंद सावंत से दूर हो गए हैं। भाजपा के ये पारंपरिक मतदाता शिवसेना (शिंदे) की प्रत्याशी यामिनी जाधव के साथ जा सकते हैं। मारवाड़ी-गुजराती मतदाताओं में उनके समाज का उम्मीदवार न मिलने की नाराजगी देखी जा रही है। हालांकि पिछले दो लोकसभा चुनावों में भाजपा के इन पारंपरिक मतदाताओं ने मराठी उम्मीदवार को वोट दिया है। इस बार शिवसेना (उद्धव) के अरविंद सावंत को कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है। ऐसे पारंपरिक मुस्लिम मतदाता उनके साथ रह सकते हैं।


यहां की प्रमुख समस्याएं

दक्षिण मुंबई की सबसे प्रमुख समस्या यहां की पुरानी इमारतों से जुड़ा है। पुरानी और जर्जर हो चुकीं इमारतों का पुनर्विकास का मुद्दा अधर में है। इसके अलावा सीवरेज, संकरी गलियां, ट्रैफिक, सरकारी अस्पतालों की बदहाली जैसी कई समस्याएं भी यहां के लोगों के सामने हैं। सरकारी अस्पताल के रूप में जेजे समूह और मनपा का नायर अस्पताल इस लोकसभा सीट के अंतर्गत आते हैं। इन अस्पतालों में आज भी आईसीयू, वेंटिलेटर के साथ-साथ सामान्य बेड की किल्लत रहती है।

पहली बार कांग्रेस चुनाव मैदान से बाहर

वर्ष 1952 से 2019 के लोकसभा चुनाव तक दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट पर 10 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है, जबकि भाजपा और शिवसेना ने दो-दो बार जीत दर्ज की है। कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले इस लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस पूरी तरह से बाहर है। इस बार महाविकास आघाडी में सीटों के बंटवारे के चलते यह सीट शिवसेना (उद्धव) के खाते में आ गई है।


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