निशाना: आशीष शेलार बोले - उद्धव लंदन में नाला सफाई देखने के लिए गए हैं क्या, पर्यटन पर राजनीति

  • मैं तो लंदन जा नहीं सकता, क्योंकि मुझे यहां काम करना है- शिंदे
  • ठाकरे परिवार के लंदन पर्यटन पर राजनीति
  • ऐसे हो रही नालों की सफाई - झूठ बोल कर फंस गए अधिकारी
  • आयुक्त के निर्देश पर चला बुलडोजर, मीठी नदी की चौड़ाई बढ़ाने 149 निर्माण ध्वस्त

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-26 08:14 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नाला सफाई के बहाने शिवसेना (उद्धव) के पक्ष प्रमुख तथा पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लंदन दौरे को लेकर राज्य की राजनीति गरमा गई है। सत्तारूढ़ भाजपा और शिवसेना (शिंदे) ने उद्धव पर कटाक्ष किया है। शनिवार को मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार ने मालाड और दहिसर में नाला सफाई का जायजा लिया। इस दौरान शेलार ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जिम्मेदारी निभाते हुए मुंबई मनपा में शुक्रवार को नाले सफाई समेत मानसून पूर्व तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक की थी। लेकिन उद्धव कहां पर हैं? उद्धव बार-बार कहते हैं कि शिवसेना (उद्धव) मर्दों की पार्टी है। अब उद्धव लंदन में नालों की साफ-सफाई देखने के लिए गए हैं क्या? वे मुंबई के नालों की साफ-सफाई देखने के लिए क्यों नहीं आए? यदि शिवसेना (उद्धव) मर्दों की पार्टी है तो उद्धव मुंबई के नालों पर आकर मर्दानगी दिखाए।

शेलार ने कहा कि मुंबई मनपा ने मालाड के लिंक रोड स्थित वलणई नाला के सफाई का काम 95 प्रतिशत पूरा होने का दावा किया है। लेकिन नाले को देखकर ऐसा लगता नहीं है कि 95 प्रतिशत सफाई हो चुकी है। मुंबई मनपा को नाले सफाई के काम में सुधार करने की जरूरत है। मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री के बैठक के बाद मुंबई मनपा काम में सुधार करेगी।

आदित्य ने होर्डिंग माफिया के लिए बदले थे नियम

इस बीच शेलार ने दावा कि महाविकास आघाड़ी सरकार में तत्कालीन मंत्री आदित्य ठाकरे ने नियमों में बदलाव करते हुए होर्डिंग माफिया के हित में फैसला लिया था। होर्डिंग माफियाओं को आदित्य का अभय है। इस मामले की मुख्यमंत्री को जांच के आदेश देना चाहिए। इससे पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने उद्धव पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि मैं तो लगातार काम कर रहा हूं। मैं तो लंदन नहीं जा सकता हूं।

मुख्यमंत्री और शेलार में मतभेद- परब

शेलार के आरोपों पर शिवसेना (उद्धव) के नेता अनिल परब ने जवाब दिया है। परब ने कहा कि नाला सफाई के मुद्दे पर मुख्यमंत्री और शेलार के बीच श्रेय लेने के होड़ मची हुई है। मुख्यमंत्री और शेलार में मतभेद है। इसलिए मुख्यमंत्री ने मनपा मुख्यालय में बैठक की। जबकि शेलार अलग से नाला सफाई देखने के लिए दौरा कर रहे हैं। परब ने कहा कि मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि मानसून में कोई जनहानि नहीं होगी। इसका मतलब है कि मुख्यमंत्री को मुंबई मनपा के काम पर विश्वास है। दूसरी तरफ शेलार मुंबई मनपा पर अविश्वास जाता रहे हैं। परब ने कहा कि शेलार को मालूम होना चाहिए कि शिवसेना (उद्धव) विपक्ष में है। उद्धव तब सत्ता में थे। तब वह नाला सफाई देखने के लिए जाते थे। हम लोग अब भी नाला सफाई के कामों का जायजा ले रहे हैं। हम लोग फिलहाल मुंबई मनपा के नाला सफाई के काम से संतुष्ट नहीं है।

लंदन में जाने के लिए अंग्रेजी आनी चाहिए- सुनील राऊत

शिवसेना (उद्धव) के विधायक सुनील राऊत ने मुख्यमंत्री पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि लंदन में जाने के लिए अंग्रेजी भाषा आनी चाहिए। वहां पर जाकर हिंदी और मराठी भाषा में बोलना संभव है क्या? जो लोग लंदन में नहीं पहुंच सकते हैं। वो अपने आप को सामान्य कार्यकर्ता बताते हैं। लेकिन हालत नाच न आवे आंगन टेढ़ा जैसी है। यदि वह लंदन जाएंगे तो राज्य की सरकार में अस्थिरता आ जाएगी।

हमें लंदन जाकर बाई नहीं नचानी हैः शिरसाट

शिवसेना (शिंदे) के प्रवक्ता विधायक संजय शिरसाट ने सुनील राऊत पर पलटवार करते हुए कहा कि हम से पूछ रहे हैं कि अंग्रेजी आती है की नहींॽ पर हमें लंदन जाकर महिलाओं को थोड़े नचाना है। शिरसाट ने कहा कि हें तो किसानों से बातचीत करने है, इसके लिए मराठी आती है। यदि अंग्रेजी पर इतना गुमान है तो लंदन में शिफ्ट हो जाईए। इसके पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव के लंदन यात्रा पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि मैं तो लंदन जा नहीं सकता क्योंकि मुझे तो यहां काम करना है।

ऐसे हो रही नालों की सफाई - झूठ बोल कर फंस गए अधिकारी

उधर महानगरपालिका 100 प्रतिशत नालों की सफाई का दावा कर फंस गई है। मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार पश्चिम उपनगर के मालाड और दहिसर में नालों का जायजा लेने गए थे। नालों की सफाई का जो दृश्य देखा वह हैरान करने वाला है। मालाड का वलणई नाला,अवधूत नगर नाला दहिसर पूर्व का निरीक्षण किया। वलणई नाला कचरे से पटा हुआ है। शेलार ने कहा कि नालों से गाद निकालने का मनपा का दवा झूठा है। नालों की सफाई का जो आंकड़ा दिया जा रहा है, जमीनी हकीकत उससे बिलकुल उलट है। नालों की सफाई किए जाने का मनपा का दावा समाधानकरक नहीं है।

वहीं मनपा की अतिरिक्त आयुक्त अश्विनी जोशी और अतिरिक्त आयुक्त अभिजीत बांगर भी नालों का जायजा लेने कई इलाकों का दौरा किया। दोनों अधिकारियों ने निर्देश दिया कि नालों की सफाई का काम समय पर पूरा करें। अश्विनी जोशी ने एफ दक्षिण विभाग के प्रतीक्षा नगर बस डिपो के पास कंपाऊंड नाला, जे के केमिकल नाला, शास्त्रीनगर नाला, डब्ल्यू टीटी नाला में निकाले जा रहे कचरे का निरीक्षण किया। इसके बाद जी उत्तर विभाग के सायन अस्पताल के पास रावली नाला, दादर धारावी नाला, राजीव गांधी नगर नाला आदि का निरीक्षण किया। साथ ही मैनहोल में लगाई गई जाली की भी जानकारी ली।

मनपा अतिरक्त आयुक्त अभिजीत बांगर पूर्व और पश्चिम उपनगर में सफाई का कार्य का निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों को नाला सफाई के साथ सड़कों के निर्माण को तेज करने का निर्देश दिया। बांगर पूर्व उपनगर के पीएमजीपी नाला, देवनार नाला, मीठी नदी बक्शी सिंह कंपाऊंड, पश्चिम उपनगर के एसएनडीटी नाला, लिडो टावर, मिलन सबवे, अंधेरी सबवे का निरीक्षण किया। बांगर ने नालों की सफाई में तेजी लाने और बारिश के दौरान नालों कहीं भी जलजमाव नहीं हो इसकी उपाय योजना करें।

आयुक्त के निर्देश पर चला बुलडोजर, मीठी नदी की चौड़ाई बढ़ाने 149 निर्माण ध्वस्त

वहीं मनपा ने मीठी नदी की चौड़ाई बढ़ाने में बाधा बने 149 निर्माण कार्य को ध्वस्त कर दिया। गुरुवार को मीठी नदी की सफाई का निरीक्षण करने गए मनपा आयुक्त भूषण गगरानी ने निर्माण को ध्वस्त करने का निर्देश दिया था। उनके आदेश के बाद निर्माण कार्य को तोड़ कर 8000 वर्ग मीटर जमीन को मुक्त कराया गया है। अतिक्रमण मुक्त कारए गए क्षेत्र को सुरक्षा दीवार बना कर सुरक्षित किया जाएगा।

एल विभाग के सहायक आयुक्त धनाजी हिर्लेकर ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के बाद मीठी नदी की चौड़ाई बढ़ाने की योजना के अंतर्गत जल्द से जल्द सुरक्षा दीवार बनाने के लिए कहा गया है। स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज विभाग ने सुरक्षा दीवार बनाने का कार्य भी शुरु कर दिया है। हिर्लेकर ने कहा कि बचे हुए निर्माण को कानूनी प्रक्रिया का पालन कर तोड़ा जाएगा। मनपा सड़क विभाग को भी सूचित किया गया है कि वे लाल बहादुर शास्त्री मार्ग से मीठी नदी तक बॉक्स ड्रेन बनाने का काम अतिशीघ्र करें।

अधिकारी ने कहा कि बीएमसी की नोटिस के बाद कुछ लोग बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने निर्देश के अनुसार जिन अधिकृत निर्माण को हटाया गया है उनको अंतरित मुआवजा अथवा अगले चार सप्ताह में पर्यायी व्यवस्था किया जाएगा।

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