मराठा-ओबीसी आरक्षण: भुजबल ने कहा नाभिक (न्हावी) मराठाओं की दाढ़ी न बनाएं, जरांगे-पाटील का पलटवार

  • उपमुख्यमंत्री को बदनाम कर रहे भुजबल: जरांगे-पाटील
  • हम अपने घर दाढ़ी बनाएंगे, ये गरीबों को मारना चाहते हैं: जरांगे-पाटील
  • एल्गार सभा में साधा था निशाना

Tejinder Singh
Update: 2024-02-04 14:53 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. राज्य में मराठा और ओबीसी आरक्षण पर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों ही समुदाय की लड़ाई अब आरक्षण के मैदान से दाढ़ी तक पहुंच गई है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने शनिवार को अहमदनगर में एल्गार सभा में नाभिक (न्हावी) समुदाय से मराठाओं की दाढ़ी नहीं बनाने की अपील की तो, अब उस पर मनोज जरांगे-पाटील ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर वह हमारी दाढ़ी नहीं बनाएंगे तो हम घर पर ही अपने आप दाढ़ी बनाएंगे। क्योंकि वो गरीबों को भूखा मारना चाहते हैं। गरीबों को मारना उनका सपना है।

जरांगे-पाटील ने भुजबल पर निशाना साधते हुए कहा कि ये बारह जातियों को ओबीसी आरक्षण नहीं दे रहे हैं और अब उन्हें कारोबार करने से भी मना कर रहे हैं। लेकिन मैं ओबीसी भाइयों को बताना चाहता हूं कि केवल मराठा ही हैं जो आपका साथ देंगे। ये लोग आपको खत्म करने पर तुले हुए हैं। आपको उनका साथ नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भुजबल घटिया सोच के इंसान हैं। वो जिस पार्टी में शामिल होते हैं, उस पार्टी को खत्म कर देते हैं। उसके लिए उन्होंने अपने परिवार को भी संकट में डाल दिया है। उनके पूरे परिवार के लिए जेल जाने की नौबत आ गई है। जरांगे-पाटील ने भुजबल को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आप मराठा आरक्षण के खिलाफ बोलेंगे तो फिर आपको बख्शा नहीं जाएगा।

उपमुख्यमंत्री को बदनाम कर रहे भुजबल: जरांगे-पाटील

जरांगे-पाटील ने कहा कि भुजबल ने मंत्री पद से इस्तीफा देने की जो बात कही है, वह सिर्फ ओबीसी समाज को दिखाने के लिए किया है। हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है कि वह इस्तीफा दें या नहीं दें। भुजबल उपमुख्यमंत्री अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। भुजबल के इस्तीफे पर जब फडणवीस से रविवार को पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि भुजबल का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है।

एल्गार सभा में साधा था निशाना

भुजबल ने जरांगे-पाटील पर शनिवार को एल्गार सभा में निशाना साधते हुए कहा था कि जब राज्य में मराठाओं को आरक्षण दे दिया गया है तो फिर मराठा सर्वेक्षण किसलिए किया जा रहा है। यहां तक कि सर्वेक्षण में अमीर मराठा झूठी जानकारी सर्वे के जरिए बता रहे हैं। उनके पास गाड़ियां और बंगले भी हैं, लेकिन उन्होंने झोपड़ी में रहने की जानकारी सर्वे में दी है। ऐसे में जब आप खुद कह चुके हैं कि आरक्षण मिल चुका है तो फिर दोबारा आमरण अनशन क्यों करने जा रहे हैं।

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