बॉम्बे हाईकोर्ट: छगन भुजबल और उनके परिजनों के खिलाफ याचिका पर सुनवाई 26 जून तक टली

  • सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने भुजबल और उनके परिवार के डिस्चार्ज के खिलाफ दायर की है याचिका
  • आरे मिल्क कॉलोनी में 37 किलोमीटर आंतरिक सड़कों के पुनर्निर्माण का रास्ता साफ

Tejinder Singh
Update: 2024-04-29 16:37 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र सदन घोटाले में राकांपा (अजीत गुट) नेता और खाद्य आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल एवं उनके परिवार को डिस्चार्ज करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई 26 जून तक टल गई। अदालत ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति एस.एम.मोडक की एकलपीठ के समक्ष सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया की याचिका पर सुनवाई हुई। अंजली दमानिया की याचिका में दावा किया गया है कि ट्रायल कोर्ट द्वारा महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में छगन भुजबल, उनके बेटे और समीर भुजबल समेत सभी आरोपियों को डिस्चार्ज उनके खिलाफ सबूतों की अनदेखी की गई। अदालत से महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से दोबारा जांच की मांग की गयी है। भुजबल परिवार के अलावा इस मामले में 50 से अधिक लोग आरोपी हैं। पीठ ने एसीबी को नोटिस जारी किया है। मामले की सुनवाई 26 जून को रखी गई है।

आरे मिल्क कॉलोनी में 37 किलोमीटर आंतरिक सड़कों के पुनर्निर्माण का रास्ता साफ

-संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (एसजीएनपी) के पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र (ईएसजेड) से सड़कों के मरम्मत की मिली इजाजत

राज्य सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट में ईएसजेड से इजाजत मिलने की दी जानकारी

उधर गोरेगांव (पूर्व) आरे मिल्क कॉलोनी में 37 किलोमीटर आंतरिक सड़कों के पुनर्निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। राज्य सरकार ने सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया दी कि संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (एसजीएनपी) के पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र (ईएसजेड) से सड़कों के मरम्मत की इजाजत मिल गई है। केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय की 5 दिसंबर 2016 की अधिसूचना के अनुसार 45 किलोमीटर की आंतरिक सड़कों की मरम्मत, पुनर्निर्माण या रखरखाव के लिए ईएसजेड के लिए निगरानी समिति से मंजूरी की जरूरी है।

मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ एस.डॉक्टर की खंडपीठ के समक्ष भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मचारी और आरे कॉलोनी में रॉयल पाम्स के निवासी बिनोद अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने लोकसभा चुनाव को लेकर जारी आचार संहिता को देखते हुए राज्य चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। 30 अप्रैल को मामले की सुनवाई रखी गई है। याचिका में आरे मिल्क कॉलोनी क्षेत्र की खस्ताहाल 37 किलोमीटर आंतरिक सड़कों के निर्माण की मांग की गयी है। राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने खंडपीठ को बताया कि संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (एसजीएनपी) के पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र (ईएसजेड) को लेकर सड़कों के मरम्मत की अनुमति मिल गई है। हालांकि सरकार ने कहा कि इस मामले में राज्य चुनाव आयोग से भी अनुमति लेनी होगी।

पिछले दिनों राज्य सरकार को उच्च स्तरीय अधिकारियों, राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई) के एक विशेषज्ञ और आरे मिल्क कॉलोनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अदालत द्वारा नियुक्त समिति की रिपोर्ट के आधार पर कदम उठाने का निर्देश दिया गया था। समिति ने सिफारिश की थी कि आंतरिक सड़कों की स्थिति अच्छी नहीं है। इसलिए उन्हें मरम्मत की आवश्यकता थी। समिति ने कहा था कि 45 किलोमीटर सड़कों में से 11.98 किलोमीटर आरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं और 19.17 किलोमीटर को प्राथमिकता के आधार पर तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है। साथ ही 17.72 किलोमीटर की भी मरम्मत की जाने की जरूरत है।

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