पर्यटन विकास के लिए औरंगाबाद से एयर कनेक्विटी को बढ़ाना जरुरी

  • एचआरएडब्ल्यूआई की केंद्रीय पर्यटन मंत्री से मांग
  • पर्यटन विकास के लिए औरंगाबाद से एयर कनेक्विटी को बढ़ाना जरुरी

Tejinder Singh
Update: 2023-07-16 16:14 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। होटल उद्योग के प्रमुख संगठन होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया(एचआरएडब्ल्यूआई) ने हाल ही मुंबई अपने दौरे पर आई राजीव प्रताप रुडी की अध्यक्षता वाली संसद की स्थाई समिति (पर्यटन, परिवहन व संस्कृति) के सामने कईप्रस्ताव पेश किए। जिसमें औरंगाबाद और सिंधुदुर्ग में पर्यटन सर्किट विकसित करने पर विशेष ध्यान देने के साथ राज्य में पर्यटन क्षमता को पूर्ण रूप से बढ़ावा देनेंकी सिफारिशें शामिल हैं।एचआरएडब्ल्यूआई के अध्यक्ष प्रदीप शेट्टी कहा कि हमने सरकार से औरंगाबाद और सिंधुदुर्ग में पर्यटन सर्किट विकसित करने पर विशेष ध्यान देने का अनुरोध किया है। औरंगाबाद अजंता और एलोरा में बौद्ध गुफा स्मारकों के लिए लोकप्रिय है और यह बौद्धों के लिए एक महत्वपूर्ण शिक्षण और सांस्कृतिक केंद्र है।इसकी पूर्ण पर्यटन क्षमता को उजागर करने के लिएइसे बौद्ध सर्किट के अंदर वाराणसी या बोधगया तक बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता है। पांच साल पहलेऔरंगाबादसे हमारे पास 7 से 8 गंतव्यों को जोड़ने वालीउड़ानें थीं, लेकिन अब हम केवल दो प्रमुख महानगरों तक ही सीमित हैं। उसमें भी आवश्यकता से कम उड़ाने हैं। जयपुर से औरंगाबाद तक स्वर्ण त्रिभुज मार्ग के विस्तार को बहाल करने सहित कनेक्टिविटी को और अधिक गंतव्यों तक विस्तारित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग औरंगाबाद की यात्रा करना चाहते हैं, लेकिन पर्याप्त कनेक्टिविटी की कमी के कारण इसमें बाधा आती है।

कनेक्टिविटी की कमी के कारण होटल उद्योग का राजस्व प्रभावित हो रहा है। श्री शेट्टी का कहना है कि, "राज्य में कुछ ऐसे स्थल हैं जो ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व रखते हैं। स्थानीय समुदायों को पारंपरिक कला, शिल्पऔर संगीत के संरक्षण और प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करने से पर्यटकों को एकप्रामाणिक आध्यात्मिक अनुभव मिलेगा। एचआरएडब्ल्यूआई ने अजंता और एलोरा गुफाएं, रायगढ़ किला और गेटवे ऑफ इंडिया जैसे महत्वपूर्ण स्थानों को हेरिटेज सर्किट में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है।वन्यजीव पर्यटन सर्किट बनाने के लिए पेंच टाइगर रिजर्व और ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व सहित कई राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों को जोड़ने, अलीबाग, हरिहरेश्वर और तारकर्ली जैसे स्थलों को कवर करते हुए एक तटीय सर्किट बनाने से समुद्र तट पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

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