ट्रेन से भास्कर लाइव: महाराष्ट्र में सियासत खिचड़ी हो गई है, पर यह भी लग रहा है कि आएगा मोदी ही

  • मानिए - कुछ इसलिए कम हो रहा मतदान
  • मुंबई सेंट्रल से सूरत तक 263 किलोमीटर का सफर
  • सफर में ऑन स्पॉट रिपोर्टिंग

Tejinder Singh
Update: 2024-05-05 13:47 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई, विजय सिंह कौशिक। लोकसभा चुनाव 2024 घोषित होने के ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 मार्च को गुजरात की राजधानी गांधीनगर से 10 नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई थी जिसमे मुंबई सेंट्रल-अहमदाबाद वंदे भारत ट्रेन भी शामिल थी। सुबह 6 बजे मुंबई सेंट्रल से छूटने वाली इस लक्जरी ट्रेन की लगभग सभी सीट भरी हुई थी।


वंदे भारत अपने निर्थारित समय से सूरत के लिए रवाना हुई। ट्रेन के स्टेशन छोड़ते ही हवाई जहाज की तरह पहले चाय और फिर नाश्ता परोसा गया। 10 मिनट में सबका नाश्ता निपटने के बाद मैने अपने बगल की सीट पर बैठे यात्री से लोकसभा चुनाव की चर्चा शुरू हुई। 75 वर्षीय रमेश भाई आबू में रहते हैं। 50 साल न्यूजीलैंड की राजधानी वेलिंगटन में रहने के बाद रमेश भाई अब भारत लौट आए हैं। न्यूजीलैंड जैसा विकसित देश क्यों छोड़ा? पूछने पर रमेश भाई कहते हैं, वह तो धरती का स्वर्ग जैसा है पर वहा आध्यात्मिक शांति नहीं है। लोकसभा चुनाव की चर्चा पर कहते हैं, मोदी आयेगा। उसके जैसा ईमानदार दूसरा कौन है?


बगल की सीट पर बैठे विजय बनियाल दक्षिण मुंबई में रहते हैं और पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। चुनाव के बारे में पूछने पर कहते हैं, महाराष्ट्र में थोड़ा खिचड़ी हो गया है। पर माहौल तो भाजपा का ही लग रहा। खिचड़ी से उनका मतलब शिवसेना और एनसीपी में बगावत और विभाजन से था। वे कहते हैं मोदी की वापसी तय दिखाई दे रही है। बनियल पिछले दो चरणों में हुए कम मतदान के लिए मोदी फैक्टर को ही जिम्मेदार मानते हैं। कहते हैं, लोग मान कर चल रहे हम वोट देने जाए या नहीं, आएगा तो मोदी ही। हालांकि उन्हें दक्षिण मुंबई के सांसद अरविंद सावंत का कामकाज संतोषजनक लगता है। यहां से शिंदे गुट की उम्मीदवार यामिनी जाधव का नाम लेने पर कहते हैं, पहले कभी उनका नाम नहीं सुना। गुजरात के करनाली में रहने वाले विपुल पटेल पत्नी के साथ रिश्तेदार से मिलने मुंबई आए थे, अब वापस अपने गांव जा रहे। चुनावी माहौल के सवाल पर कहते हैं यहां का तो पता नहीं पर गुजरात में तो 100 परसेंट बीजेपी है। पिछली बार जैसा ही रिजल्ट आएगा। मुंबई के पश्चिमी उपनगर अंधेरी वेस्ट में रहने वाले अरविंद कुमार चुनाव के सवाल पर कुछ सोचने लगते हैं। कुछ क्षणों की चुप्पी के बाद कहते हैं। मुंबई में माहौल कुछ समझ नहीं आ रहा। मिक्स रिस्पॉन्स है। हालांकि वे मोदी सरकार के कामकाज से संतुष्ट नजर आते हैं। आईटी सेक्टर से जुड़े अरविंद बढ़ती मंहगाई को इस सरकार की कमी मानते हैं पर कहते हैं की इस चुनाव में यह मुद्दा नहीं है। क्योंकि विपक्ष दूसरी चीजों में लगा है।

दक्षिण मुंबई के खोतवाड़ी में रहने वाले मौलिक जैन युवा व्यवसाई हैं। इलेक्शन की चर्चा पर कहते हैं कि टैक्स को लेकर व्यापारी वर्ग में मोदी सरकार को लेकर थोड़ी नाराजगी है पर उनका विकल्प नहीं है। राहुल गांधी की तुलना में लोग मोदी को ही चुनना चाहेंगे। बोरीवली पूर्व में रहने वाले दीपक पारेख कहते हैं फिलहाल मुंबई का चुनावी माहौल कुछ नहीं चल रहा। अभी चुनाव को गति पकड़ने में थोड़ा समय लगेगा। पर मैं गुजराती हूं तो समझ सकते हैं किसे वोट दूंगा।


कहीं भी वोट डालने की सुविधा होनी चाहिए

पिछले चार सालों से मुंबई सेंट्रल में रहने वाले बिलासपुर (छत्तीसगढ़) के मनीराम वंदे भारत ट्रेन में यात्रियों की देखभाल के लिए तैनात हैं। मतदान की बाबत पूछने पर कहते हैं, बिलासपुर में मेरा वोट है। मेरे पास मतदाता पहचान पत्र भी है। मैं मुंबई में वोटिंग करने जाऊंगा।


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फिर पूछते है, पर मैं मुंबई में वोट दे सकता हूं? यह जान कर की वोट डालने बिलासपुर ही जाना होगा। कहते हैं, कही से भी वोट डालने की सुविधा होनी चाहिए। चुनाव का माहौल क्या है? इस सवाल पर कहते हैं, ई ट्रेन में तो सब मोदी की ही बात करते हैं। वैसे काम भी तो ठीक ही किया है। इतनी बढ़िया ट्रेन उन्होंने तो चलाई है। 

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