खुशहाली : केले की खेती से बदली किसानों की किस्मत, 16 गुना तक बढ़ी आमदनी

  • 18 हजार किसानों को गरीबी के दलदल से निकाला
  • डेढ़ हजार किसान परिवारों की किस्मत बदली
  • ट्रस्ट से 7 रुपए में पेड़ मिला

Tejinder Singh
Update: 2023-05-28 19:30 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केले की खेती से सोलापुर और जलगांव जिले के करीब डेढ़ हजार किसान परिवारों की किस्मत बदल दी है। इन किसानों ने वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान ग्लोबल विकास ट्रस्ट नाम की संस्था के सहयोग से करीब 43 लाख केले के पेड़ लगाए। इस साल केले बेचकर किसानों ने दूसरी फसलों के मुकाबले करीब 16 गुना तक ज्यादा पैसे कमाए हैं।

ट्रस्ट से 7 रुपए में पेड़ मिला

जलगांव जिले की रावेर तहसील में स्थित दोधा गांव के नारायण साहेबराव पाटील ने बताया कि वह पहले कपास की खेती करते थे, क्योंकि केले का एक पेड़ 15-16 रुपए में मिलता था और उसमें उपज भी ज्यादा नहीं होती थी। लेकिन इस साल ग्लोबल विकास ट्रस्ट से 7 रुपए में पेड़ मिला, तो पहली बार 1.75 एकड़ में केले के 3 हजार पेड़ लगाए। देखभाल में भी संस्था ने सलाह और मदद दी, जिसके चलते उपज अच्छी हुई।

पाटील ने बताया कि इससे पहले इतनी ही जमीन पर कपास के खेती कर बमुश्किल 40-45 हजार रुपए मिल पाते थे। सारा खर्च निकालने के बाद कोई मुनाफा नहीं बचता था। उनके बेटे धनंजय पाटील भी पैदावार से उत्साहित हैं और खेती में अपने पिता की मदद करते हैं

नारायण साहेबराव पाटील, दोधा गांव के किसान ने बताया कि इस साल 690 क्विंटल केले की उपज हुई, जिसे औसत 1700 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बेचा। कुल लागत निकालने के बाद भी प्रति एकड़ 6 लाख 55 हजार रुपए का मुनाफा हुआ है।

लागत निकालने के बाद भी आमदनी हुई

सोलापुर जिले की मालशिरस तहसील में स्थित महालुंग गांव के लक्ष्मण सरतापे की भी किस्मत केले की खेती ने बदल दी है। सरतापे भी अपनी 2.2 एकड़ जमीन पर पहले गेंहू, मक्का और ज्वार की खेती करते थे और मुश्किल से खर्च निकालकर 38 लाख रुपए बच पाते थे। लेकिन इस साल उन्होंने 1.2 एकड़ जमीन पर केले की खेती शुरू की और 20 मई को केले की कटाई की, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। कुल 171 क्विंटल केले को उन्होंने 1100 प्रति क्विंटल की दर से बेचा और लागत निकालने के बाद भी 6 लाख 5 हजार रुपए का आय हुई।

लक्ष्मण सरतापे, महालुंग गांव के किसान ने बताया कि मुझे इतनी आय की उम्मीद नहीं थी। यह पिछले वर्षों में होने वाली कमाई से 16 गुना ज्यादा है।

किसानों की औसत आमदनी तीन लाख रुपए

ग्लोबल विकास ट्रस्ट के संस्थापक मयंक गांधी ने बताया कि संस्थान ने राज्य के किसानों को फलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करके करीब 18 हजार किसानों को गरीबी के फंदे से बाहर निकाला है। हम अब तक राज्य के किसानों के खेतों में 3 करोड़ 75 लाख से ज्यादा पेड़ लगा चुके हैं। फसलों की खेती के चलते औसत 30-35 हजार कमाने वाले किसानों की औसत आमदनी तीन लाख रुपए तक पहुंच गई है।

मयंक गांधी, संस्थापक- ग्लोबल विकास ट्रस्ट के मुताबिक संस्था अब तक 27 जिलों के किसानों तक पहुंच चुकी है। हमारी कोशिश है कि हम राज्य के गांव-गांव तक पहुंचे और ज्यादा से ज्यादा किसानों की आय बढ़ाने में उनकी मदद कर सकें।


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