भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे आईएएस अफसर पर शिकंजा

  • 1 करोड़ अतिरिक्त मुआवजा के बदले किसानों से 10 लाख रुपए रिश्वत मांगते थे अनिल रामोद
  • आरोपों से घिरे आईएएस अफसर पर शिकंजा
  • 13 जून तक सीबीआई हिरासत में

Tejinder Singh
Update: 2023-06-11 15:46 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी अनिल रामोद पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का शिकंजा कसता जा रहा है। जांच एजेंसी ने इस मामले में चौंकानेवाला खुलासा किया है। सीबीआई का कहना है कि अतिरिक्त मंडल आयुक्त रामोद भूमि अधिग्रहण के बदले 1 करोड़ का अतिरिक्त मुआवजा देने के बदले किसानों से 10 लाख रुपए रिश्वत मांगते थे। 8 लाख रुपए रिश्वत लेते शुक्रवार को गिरफ्तार रामोद को शनिवार को अदालत में पेश किया गया था। रामोद के पास से सीबीआई को 6 करोड़ रुपए मिले थे। कोर्ट ने उन्हें 13 जून तक सीबीआई हिरासत में दिया है।

सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए भूमि अधिग्रहण का उचित मुआवजा जिन किसानों को नहीं मिलता था, मध्यस्थ उन्हें अतिरिक्त मंडलायुक्त रामोद के पास लाते थे। मामला निपटाने के लिए रिश्वत मांगते थे। सीबीआई को उनके घर से कुछ कागजात मिले हैं। इससे पता चला कि मेसर्स वेदालक्ष्मी डेवलपर्स एंड डिजाइनर्स प्रालि कंपनी उनकी पत्नी की है।

पालखी हाईवे के लिए सोलापुर जिले के मालशिरस के एक किसान की जमीन अधिग्रहीत करनी थी। किसान को 80 करोड़ से 100 करोड़ रुपए मुआवजा मिलने की उम्मीद थी। लेकिन उन्हें कम मुआवजा मिला। वकील डॉ. याकूब तडवी के माध्यम से किसान ने रामोद के पास मध्यस्थता की अर्जी लगाई। इस पर 21 अप्रैल, 2022 को सुनवाई होनी थी, जो टल गई। फैसला किसान के पक्ष में करने और उसे डेढ़ करोड़ रुपए अतिरिक्त देने के लिए रामोद ने 10 लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। इसमें से 8 लाख रुपए लेते सीबीआई ने रंगेहाथ रामोद को गिरफ्तार किया था।

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