दावा: शरद पवार ने कहा - अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन राजीव गांधी के कार्यकाल में हुआ

  • अयोध्या में राम मंदिर पर पवार का बयान
  • राजीव गांधी के कार्यकाल में हुआ भूमि पूजन
  • अदालत के फैसले के बाद अब मंदिर निर्माण

Tejinder Singh
Update: 2024-01-17 13:57 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम पर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधा है। पवार ने कहा कि राम मंदिर की आधारशिला पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय में रखी गई थी। लेकिन कुछ लोग अदालत चले गए थे। अदालत के फैसले के बाद अब मंदिर निर्माण हो रहा है। पवार ने कहा कि राम के नाम का इस्तेमाल भाजपा और आरएसएस राजनीति के लिए कर रहे हैं और आज राजनीति में धर्म का प्रयोग बढ़ता जा रहा है।

उन्होंने कहा के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिनों तक उपवास रखेंगे, इस तरह की खबरें हैं। मैं उनकी भावनाओं का सम्मान करता हूं लेकिन मैं यह भी पूछना चाहता हूं कि अगर उन्होंने गरीबों के लिए कुछ किया होता तो बहुत अच्छा होता।

22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम रखा गया है। कार्यक्रम से कांग्रेस समेत I.N.D.I.A गठबंधन के तमाम दलों ने दूरी बनाई है। इसे बीजेपी आरएसएस का कार्यक्रम बताया गया है। इस बीच प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता अन्य कई विपक्षी नेताओं के पास पहुंच रहा है। इसमें से दो बड़े नाम शरद पवार और अखिलेश यादव भी हैं।

शरद पवार और अखिलेश यादव ने अपने तरीके से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर दूरी बना ली। जहां कांग्रेस खुलकर बीजेपी पर हमलावर है, वहीं यह नेता थोड़े नरम दिख रहे हैं।

I.N.D.I.A गठबंधन की हलचल 

इससे पहले गठबंधन को लेकर पवार ने कहा था कि इंडिया गठबंधन के नेताओं की डिजिटल बैठक के दौरान संयोजक पद के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम सुझाया गया था, लेकिन नीतीश ने राय व्यक्त की कि पार्टी प्रमुखों की एक टीम बनाई जानी चाहिए और संयोजक नियुक्त करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

डिजिटल बैठक के दौरान ‘इंडिया' गठबंधन के नेताओं ने गठबंधन के विभिन्न पहलुओं और अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की। पुणे जिले के जुन्नार में पवार ने कहा था कि गठबंधन के सदस्यों ने बैठक के दौरान सुझाव दिया कि नीतीश कुमार को इसका संयोजक नियुक्त किया जाए, लेकिन नीतीश का कहन है कि संयोजक नियुक्त करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

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