राजनीति घमासान: राकांपा विधायकों की अयोग्यता मामला: फैसला सुनाने के लिए 15 दिनों का अतिरिक्त समय मांग सकते हैं नार्वेकर

  • 31 जनवरी तक इस मामले में सुनाना है फैसला
  • राकांपा के मालिकाना हक को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग में फैसला लंबित
  • तानाशाही तरीके से पार्टी चलाते थे शरद पवार: सुनील तटकरे

Anita Peddulwar
Update: 2024-01-20 14:40 GMT

सोमदत्त शर्मा, मुंबई । राकांपा विधायकों की अयोग्यता के मामले की सुनवाई शुरू हो चुकी है। शनिवार को राकांपा (शरद) प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील से सवाल-जवाब किया जाना था, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने दोनों गुटों से चर्चा कर सुनवाई का नया शेड्यूल जारी किया है। नए शेड्यूल के मुताबिक विधायकों की अयोग्यता की सुनवाई समय पर नहीं हो सकती है। लिहाजा नार्वेकर फैसला सुनाने के लिए 15 दिन का अतिरिक्त समय मांग सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक राहुल नार्वेकर को 31 जनवरी तक इस मामले में फैसला सुनाना है। उधर राकांपा (अजित) सांसद एवं प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे ने एक हलफनामा के जरिए राकांपा अध्यक्ष शरद पवार पर पार्टी को तानाशाही तरीके से चलाने का आरोप लगाया है।

विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने विधायकों की अयोग्यता की सुनवाई का नया शेड्यूल जारी करते हुए कहा कि अब इस मामले में अगली सुनवाई 23 जनवरी को होगी। इसी दिन जयंत पाटील से अजित गुट के वकील सवाल-जवाब करेंगे। 24 और 25 जनवरी को दो अन्य गवाहों की जवाबी गवाही दर्ज की जाएगी। इसके बाद दोनों गुटों को 29 और 30 जनवरी को अपनी अंतिम दलीलें पेश करने का मौका दिया जाएगा। नार्वेकर ने कहा कि उन्हें फैसला लिखने में करीब 10 दिन से ज्यादा का समय लगेगा।

किसी की नहीं सुनते थे शरद पवार: सुनील तटकरे : अजित पवार गुट के नेता सुनील तटकरे ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के समक्ष एक हलफनामा दाखिल किया है, जिस पर विवाद हो सकता है। हलफनामे में कहा गया है कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार पार्टी को तानाशाही तरीके से चलाते थे। इस हलफनामे में इस बात का भी जिक्र है कि शरद पवार किसी नेता की नहीं सुनते थे, सिर्फ कुछ लोगों की बात सुनते थे। गौरतलब है कि अभी तक राकांपा के मालिकाना हक को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग में फैसला लंबित है। अब चुनाव आयोग में इस बारे में जल्द फैसला हो सकता है। 


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