वानखेड़े का दावा - सबूतों में फेरबदल कर एनसीबी ने आर्यन खान को दी क्लीन चिट

  • समीर वानखेड़े ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर हलफनामा में किया दावा
  • वानखेड़े को 23 जून तक मिली गिरफ्तारी से राहत
  • आर्यन खान को दी क्लीन चिट पर दावा

Tejinder Singh
Update: 2023-06-08 15:43 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने ड्रग्स मामले में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन को तथ्यों में हेराफेरी कर गुप्त मकसद से क्लीनचिट दी। एनसीबी के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेडे ने मुंबई हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर यह बात कही। गुरुवार को अदालत ने सीबीआई के जबरन वसूली और रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तारी से वानखेडे को 23 जून तक अंतरिम संरक्षण दे दिया।

न्यायमूर्ति ए.एस. गडकरी और न्यायमूर्ति एस.जी. डिगे की खंडपीठ के समक्ष गुरुवार को वानखेडे की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान वानखेडे ने सीबीआई की एफआईआर को रद्द करने के लिए हलफनामा दायर किया। उन्होंने हलफनामे में दावा किया कि एनसीबी की एसआईटी ने उनके खिलाफ तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर जांच रिपोर्ट पेश की है। उनके करियर खत्म करने और चरित्र का हनन करने के मकसद से उन पर झूठे आरोप लगाए हैं। हलफनामे में यह भी दावा किया गया है कि एसआईटी ने कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए भौतिक जानकारी और सबूतों को छिपाकर गुप्त मकसद से आर्यन खान को क्लीन चिट दी।

सीबीआई ने किया विरोध

वानखेडे के वकील आबाद पोंडा ने खंडपीठ को बताया कि अदालत के पहले के निर्देश के अनुसार भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी वानखेडे से सात बार पूछताछ के लिए सीबीआई के सामने पेश हुए और सहयोग कर रहे हैं। सीबीआई के वकील कुलदीप पाटिल ने अदालत को बताया कि मामले की जांच महत्वपूर्ण चरण में है। पिछले दिनों हाई कोर्ट ने इस मामले में एक आरोपी को राहत नहीं दी थी। इसलिए वानखेडे को भी अंतरिम संरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए। वानखेडे के हलफनामे का जवाब देने के लिए सीबीआई के वकील पाटिल ने अदालत से दो दिन के समय की मांग की। खंडपीठ ने कहा कि मेरिट के आधार पर ही इस मामले को देखा जाएगा।

वानखेडे की याचिका पर 23 जून को सुनवाई की जाएगी। अदालत ने कहा कि वानखेडे को दी गई अंतरिम राहत को अगली तारीख तक बढ़ा दिया गया है। पिछले दिनों हाईकोर्ट के अवकाश कालीन खंडपीठ ने वानखेडे को 8 जून तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था और उन्हें जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था। सीबीआई ने पिछले हफ्ते दायर अपने हलफनामे में संरक्षण वापस लेने की मांग करते हुए कहा था कि वानखेडे के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है।

वानखेडे ने एसआईटी पर लगाए आरोप

वानखेडे ने हलफनामा में दावा किया है कि एसआईटी का पूरा प्रयास आर्यन खान को क्लीन चिट देने के अपने अंतिम मकसद को पूरा करना और कोर्डेलिया क्रूज मामले के बारे में संदेह पैदा करना था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एसआईटी की रिपोर्ट पक्षपाती थी और उनसे प्रतिशोध लेने के लिए षड्यंत्र रचा गया। एनसीबी के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने उनके खिलाफ व्यक्तिगत प्रतिशोध की भावना से जांच रिपोर्ट बनाई गई। वानखेडे के मुताबिक, अगस्त 2022 में उन्होंने सिंह के खिलाफ गंभीर जाति-आधारित अत्याचार करने की शिकायत दर्ज कराई थी।

आर्यन खान के साथ ड्रग्स मामले में एक स्वतंत्र गवाह द्वारा क्लिक की गई सेल्फी को सही ठहराते हुए वानखेडे ने अपने हलफनामे में कहा कि आर्यन के सेलिब्रिटी होने के कारण कई लोग उनके साथ तस्वीरें क्लिक करना चाहते थे। गवाह के. पी. गोसावी ने आर्यन खान के साथ जो सेल्फी ली, वह एनसीबी की सहमति के बगैर ली गई थी।

यह है मामला

सीबीआई का मामला है कि ड्रग्स पार्टी की कथित जब्ती के बाद उनके बेटे आर्यन को गिरफ्तारी से बचाने के लिए वानखेडे और चार अन्य आरोपियों ने कथित रूप से अभिनेता शाहरुख खान से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। केंद्रीय एजेंसी ने एनसीबी के लिखित शिकायत के आधार पर पिछले महीने वानखेडे और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।

एनसीबी ने कोर्डेलिया क्रूज ड्रग्स जब्ती मामले में वानखेडे द्वारा की गई कथित अनियमितताओं की जांच करने के लिए एसआईटी का गठन किया था, जिसमें अक्टूबर 2021 में आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया था।

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