शिक्षा विभाग: दावे की खुली पोल - जिला विधि सेवा प्राधिकरण ने खोज निकाले 180 शालाबाह्य विद्यार्थी

180 out-of-school students were discovered by the Legal Services Authority on claims of open polls

Tejinder Singh
Update: 2024-05-06 15:18 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. जिले में शालाबाह्य विद्यार्थी नहीं है, यह दावा शिक्षा विभाग ने किया था। शिक्षा विभाग के दावे पर विश्वास रखकर जनवरी में होने वाले शालाबाह्य विद्यार्थी सर्वेक्षण से नागपुर जिले को हटा दिया गया। जिला विधि सेवा प्राधिकरण ने खोज मुहिम चलाकर 180 शालाबाह्य विद्यार्थियों को ढूंढ निकालने से शिक्षा विभाग के दावों की पोल खुल गई है। शालाबाह्य विद्यार्थियों को स्कूल में प्रवेश देने की प्रक्रिया चल रही है।

शहर में 102 और ग्रामीण क्षेत्र में 78 बालक मिले

खोज मुहिम दौरान नागपुर शहर सीमा क्षेत्र में 102 और ग्रामीण क्षेत्र में 78 शालाबाह्य विद्यार्थी मिले। उनमें से 55 विद्यार्थी इससे पहले कभी स्कूल नहीं गए और 125 विद्यार्थी बीच में ही स्कूल छोड़ने के जानकारी मिली है।

3 सदस्यों की टीम ने खोजे विद्यार्थी

जिले में आर्थिक तंगी तथा अन्य कारणों के चलते शिक्षा से वंचित बालकों को खोजकर उन्हें स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए जिला व सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधि सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष डी.पी. सुराणा के मार्गदर्शन में प्राधिकरण के सचिव न्यायाधीश सचिन पाटील ने 3 विधि स्वयंसेवकों की टीम का गठन किया। शहर तथा ग्रामीण क्षेत्र की वाड़ियां, बस्तियां, झोपड़पट्टी, आदिवासी पाड़े तथा स्थलांतरित कामगारों के स्थलों को भेंट दी गई। विधि स्वयंसेवक मुकुंद अडेवार, मुशाहीद खान, राजरतन वानखेड़े ने जिप के बालरक्षक समन्वयक प्रसेनजीत गायकवाड़ के साथ उपरोक्त स्थलों से 180 शालाबाह्य विद्यार्थियों को खोज निकाला। उन्हें आस-पास के स्कूलों में दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू की है।

लड़कियों का प्रमाण अधिक

शालाबाह्य विद्यार्थियों में लड़कों के मुकाबले लड़कियों का प्रमाण अधिक पाया गया। गौतम नगर, गड्डीगोदाम में दो एकल पालक लड़कियां मिलीं। उन्हें सावित्रीबाई फुले संगोपन योजना से आर्थिक मदद दिलाने आवश्यक कागजी प्रक्रिया में विधि स्वयंसेवकों ने सहयोग किया। लड़कों को सरकार की छात्रवृत्ति योजना उठाने के संबंध में पालकों को जानकारी दी गई। 


 

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