नागपुर: @43.0 डिग्री - इस वर्ष का यह सबसे अधिक तापमान चिलचिलाती धूप से रास्तों पर सन्नाटा

  • शाम को गर्म हवाएं, बाजारों में वीरानी
  • अधिक तापमान चिलचिलाती

Tejinder Singh
Update: 2024-05-06 14:42 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रविवार को चिलचिलाती धूप के कारण रास्तों पर दिन भर सन्नाटा पसरा रहा। दोपहर में इक्का-दुक्का वाहन ही रास्तों पर दौड़ते नजर आए। रविवार होने के बावजूद दिन में बाजारों में वीरानी नजर आई। शाम को जमीन से गर्म हवाएं निकलती रहीं। रविवार को नागपुर का अधिकतम तापमान 43.0 डिग्री व न्यूनतम तापमान 22.8 डिग्री सेल्सियस रहा। इस सीजन (वर्ष) का यह सबसे अधिक तापमान रहा।

तारीख अधिकतम

तापमान

5 मई 43.0

4 मई 41.5

3 मई 40.5

2 मई 39.9

(तापमान डिग्री सेल्सियस में)

लू लगने की शिकायतें बढ़ीं

मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिम से आ रही शुष्क हवा के कारण नागपुर समेत पूरा विदर्भ खूब तप रहा है। रविवार को नागपुर समेत विदर्भ के कई जिलों में हीट वेव जैसी स्थिति रही। नागपुर की बात करें तो अधिकतम तापमान औसत से 1.5 डिग्री अधिक रहा। दिन में धूप से लोग पसीना-पसीना होते रहे। शाम को गर्म हवा की लपटें परेेशान कर रही थीं। तेज धूप के कारण लू लगने की शिकायतें बढ़ गई हैं।

अकोला तीसरे दिन भी सबसे गर्म

पिछले तीन दिन से विदर्भ में अकोला सबसे गर्म बना हुआ है। रविवार को अकोला का अधिकतम तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस रहा। विदर्भ में चंद्रपुर सबसे गर्म माना जाता है, लेकिन अकोला ने चंद्रपुर को भी पछाड़ दिया है।

बिजली उत्पादन पर हो रहा असर

कोराडी औष्णिक विद्युत केंद्र का 660 मेगावॉट का एक यूनिट पिछले दो दिन सेे बंद पड़ा है। तकनीकी समस्या आने से यह यूनिट बंद है आैर इससे बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है। राज्य में महानिर्मिति के 7 औष्णिक विद्युत केंद्र हैं, जहां एक दिन में 9540 मेगावॉट बिजली उत्पादन होता है। इन केंद्रों में कोराडी, खापरखेडा, चंद्रपुर, भुसावल, पारस, परली, नाशिक शामिल हैं। कोराडी औष्णिक विद्युत केंद्र में 660 मेगावॉट के 3 आैर 210 मेगावॉट का एक केंद्र है। 4 मई से 660 मेगावॉट का एक केेंद्र तकनीकी समस्या के कारण बंद पड़ा है। फिलहाल गर्मी चरम पर होने से बिजली की मांग काफी बढ़ गई है। महानिर्मिति अधिक से अधिक बिजली उत्पादन पर जोर दे रहा है, ऐसे में एक यूनिट बंद रहने का असर बिजली उत्पादन पर हो रहा है। बताया गया कि एक-दो दिन में तकनीकी समस्या दूर कर बिजली उत्पादन पूर्ववत हो जाएगा। महानिर्मिति के सूत्रों ने बिजली उत्पादन के लिए जरूरी कोयला पर्याप्त मात्रा में होने का दावा किया है। 7 आैष्णिक विद्युत केंद्रों में फिलहाल 20 लाख टन कोयला उपलब्ध है। पावर ग्रिड में पर्याप्त बिजली उपलब्ध होने का दावा किया गया है।

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