हेल्प: ट्रेन के विकलांग कोच में मूक बधिर महिला यात्री को प्रसव पीड़ा, कामठी अस्पताल में दिया शिशु का जन्म

ट्रेन के विकलांग कोच में मूक बधिर महिला यात्री को प्रसव पीड़ा, कामठी अस्पताल में दिया शिशु का जन्म
  • महिला यात्रियों व महिला आरक्षक पिज्मा शर्मा ने की सहायता
  • सभी ने मिलकर पहुंचाया कामठी अस्पताल
  • जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलगाड़ी में मूक बधिर महिला को प्रसव पीड़ा उठी। दीप चन्द्र आर्य मंडल सुरक्षा आयुक्त के मार्गदर्शन एवं विनोद कुमार लांजीवार, सहायक सुरक्षा आयुक्त रेसुब नागपुर के निर्देशन में ऑपरेशन मातृशक्ति अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत सोमवार को रेल स्टेशन कामठी पर गाड़ी संख्या 11040 महाराष्ट्र एक्सप्रेस के आगमन पर उपनिरीक्षक विजय भालेकर एवं महिला आरक्षक की ओर से उक्त गाड़ी को अटेंड करने पर सूचना मिली कि विकलांग कोच में मूक बधिर महिला यात्री को प्रसव पीड़ा हो रही है।

सूचना प्राप्ति पर तुरंत कार्यवाही करते हुए महिला यात्रियों की सहायता से महिला आरक्षक पिज्मा शर्मा द्वारा गर्भवती महिला यात्री विमला तेलम को जिला अस्पताल, कामठी ले जाया गया जहां महिला यात्री द्वारा स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। उक्त महिला यात्री मूक बधिर होने के कारण कोई जानकारी नहीं दे पा रही थी। जिसके आधार कार्ड पर नाम विमला तेलम पाया गया है। महिला यात्री पूरी तरह स्वस्थ है और कामठी उप जिला चिकित्सालय में उपचाररत है। महिला के साथ यात्रा कर रहे उसके पति ने उनकी समय रहते मदद करने पर रेलवे प्रशासन काे धन्यवाद दिया। उक्त कार्यवाही में उपनिरीक्षक विजय भालेकर, आरक्षक प्रिज्मा शर्मा का कार्य सराहनीय रहा है।

अनुमति प्रदान करने के बदले में मांगी रिश्वत : वन रक्षक एसीबी के जाल में फंसा। अनुमति प्रदान करने के बदले में लकड़ा व्यापारी से रिश्वत लेते हुए उसे रंगे हाथों पकड़ा गया है। जलालखेड़ा थाने में प्रकरण दर्ज कर आरोपी वन रक्षक को गिरफ्तार किया गया है। उसकी चल-अचल संपत्ति की भी जांच पड़ताल की जा रही है। आरोपी मच्छिंद्र वासुदेव मोहटे (52) है। वन विभाग नरखेड़ के वडवीरा बीट में कार्यरत है। क्षेत्र के मौजा मायवाड़ी स्थित किसी किसान के खेत का शिकायतकर्ता से सागवन प्रजाति का पेड़ 40 हजार रुपए में खरीदी किया था। नियमानुसार इसकी अनुमति वन विभाग से ली गई थी। पेड़ कटाई के बाद उसका पंचनामा और लकड़ा ट्रैक्टर में ले जाने की अनुमति प्रदान करने के बदले में मच्छिंद्र ने साढ़े तीन हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। सौदा पंद्रह सौ में हुआ। इस बीच मामले की शिकायत मिलने से एसीबी ने जाल बिछाया और मच्छिंद्र को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है।


Created On :   22 May 2024 8:14 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story