नागपुर: गर्मी में ही मानसून का काम, अनेक स्थानों पर पेड़ों की शाखाएं काटने की नौबत

  • बारिश के दिनों में पेड़ों की शाखाएं काटने की मुहिम
  • टेंडर जारी नहीं हुए

Tejinder Singh
Update: 2024-04-29 11:37 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. महावितरण की तरफ से बिजली आपूर्ति सुचारु रहे, इसलिए बारिश के दिनों में पेड़ों की शाखाएं काटने की मुहिम चलाई जाती है। पेड़ों की शाखाएं बिजली के तारों को टकराने से बिजली गुल होने के साथ ही तार टूटने का खतरा रहता है। मानसून को अभी समय है, लेकिन ग्रीष्म ऋतु में हो रही बारिश से महावितरण पर गर्मी के मौसम में पेड़ों की शाखाएं काटने की नौबत आ गई है।

यह खतरा बना रहता है

महावितरण की तरफ से हर वर्ष मानसून पूर्व तैयारी की जाती है। इसके तहत बिजली के तारों, खंबों व ट्रांसफार्मर से सटे पेड़ों की शाखाएं काटी जाती है, ताकि वह बिजली के तारों के संपर्क में नहीं आ सके। इसी तरह तेज हवा व बारिश से शाखाएं टूटकर तारों पर गिरने का खतरा रहता है।

ट्रांसफार्मर का नुकसान होने का खतरा बना रहता है। पेड़ की शाखाओं के बिजली के तारों, ट्रांसफार्मर या जंपर के संपर्क में आने से बिजली गुल होने के साथ ही महावितरण का भी नुकसान होता है।

टेंडर जारी नहीं हुए

पेड़ों की शाखाएं काटने की मुहिम शुरू करने के पूर्व टेंडर जारी किए जाते हैं। दर तय किए जाते है। अभी न टेंडर जारी हुए न दर तय हो सके हैं। ऐसे में बेमौसम बारिश से होने वाली आफत से निपटना महावितरण के लिए चुनौती बन गया है। पुराने रेट के अनुसार एक पेड़ काटने का सौ रुपए मिलता है।

पुराने दर पर कोई ठेकेदार काम करने को तैयार नहीं है। फिलहाल महावितरण अपनी लैडरवाली गाड़ी का सहारा लेकर काम चला रहा है। बेमौसम बारिश का दौर लंबा खींचा तो महावितरण के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। तेज हवा व बारिश के दौरान बिजली सयंत्रों का भारी नुकसान होता है।



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