नागपुर: पांच माह से पाइप लाइन लीकेज, बह रहा हजारों लीटर महंगा पानी, हो रहा नुकसान

  • बेलतरोड़ी क्षेत्र में स्थित विघ्नेश्वर ले-आउट में पानी की समस्या गंभीर
  • पेयजल नहीं मिलने से नागरिकों में जबरदस्त रोष
  • परिसर में पानी जमा होने से मच्छरों की पैदावार बढ़ गयी है

Tejinder Singh
Update: 2024-04-29 15:18 GMT

डिजिटल डेस्क, बेसा. बेसा नगर पंचायत के बेलतरोड़ी क्षेत्र में स्थित विघ्नेश्वर ले-आउट में पिछले पांच माह से पेयजल की पाइप लाइन लीकेज होने के कारण प्रतिदिन हजारों लीटर का पानी बर्बाद हो रहा है। नागरिकों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। परिसर में पानी बड़े पैमाने पर जमा हो गया है। मच्छरों की पैदावार भी बढ़ गई है। इसे लेकर नागरिकों में रोष व्याप्त है। वे लीकेज को जल्द से जल्द दुरुस्त करने की मांग कर रहे हैं।

नहीं मिल रहा पर्याप्त पानी

अनिल गजभिये के मुताबिक बेलतरोड़ी परिसर के विघ्नेश्वर ले-आउट में पिछले पांच से छह माह से पाइप लाइन लीकेज है। रोजाना हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। परिसर में पानी जमा होने के कारण मच्छरों की पैदावार भी बढ़ गई है। इस भीषण गर्मी में लोगों को पीने का पानी पर्याप्त नहीं मिल रहा है। पीने के पानी के लिए लोग दर-दर भटक रहे हैं।

पहले ही शहर की तुलना में महंगा है

अतुल सायरे के मुताबिक पहले ही बेसा नगर पंचायत क्षेत्र से मिलने वाला पानी शहर की तुलना में काफी महंगा मिल रहा है। पिछले पांच से छह माह से पानी बर्बाद हो रहा है। लोगों को उपयोग के लिए पानी नहीं मिल रहा है। बावजूद महंगा पानी बिल तैयार ही रहता है। पानी की बर्बादी को कैसे रोका जाए, समझ से परे है।

संजीव कोसारकर के मुताबिक जलापूर्ति मनपा, महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण या फिर बेसा नगर पंचायत किसके दायरे में बेसा नगर पंचायत क्षेत्र में जलापूर्ति की जाती है यह नहीं पता। क्योंकि नगर पंचायत में शिकायत करने पर जवाब मिलता है कि, उनके नेतृत्व में जलापूर्ति नहीं की जा रही है। ऐसे में किसे पाइप लाइन लीकेज होने की शिकायत करें, कुछ समझ में नहीं आ रहा है।

लीकेज जल्द ही सुधारा जाएगा

राजेश कानडे, कार्यकारी अभियंता, महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण पेरी के मुताबिक पाइप लाइन लीकेज होने की खबर जागरूक नागरिकों से मिलने पर फौरन कार्रवाई की जाती है। हालांकि, विभाग की ओर से वार्डों में जलापूर्ति में कोई दिक्कत आ रही है क्या, कोई तकनीकी समस्या है क्या, यह पता करने के लिए कर्मचारियों को वार्ड में भेजा जाता है। उन्हें जलापूर्ति से संबंधित कोई भी समस्या दिखने पर समस्या का जल्द निवारण किया जाता है।

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