हाईकोर्ट: कानून का हवाला, तड़ीपार के दो आदेश अदालत ने रद्द किए, वाशिम के आरोपी को राहत

वाशिम के आरोपी को हाई कोर्ट से राहत

Tejinder Singh
Update: 2024-05-06 14:56 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. पोक्सो मामले में न्यायालय से सजा सुनाने के बाद भी वाशिम के उपविभागीय अधिकारी से आरोपी को तड़ीपार करने के आदेश को हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। हाई कोर्ट ने माना है कि अपराध में सजा होने के बाद तड़ीपार करने का आदेश तर्क संगत नहीं हो सकता है। ऐसे में आरोपी के तड़ीपार आदेश को रद्द किया गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, वाशिम के न्यू मेलगांव निवासी आरोपी गणेश सुनील अढाव (24) के खिलाफ सात गंभीर मामले पुलिस स्टेशन में दर्ज हैं। ऐसे में वाशिम के उपविभागीय अधिकारी ने 20 नवंबर 2023 को 6 माह के लिए वाशिम जिले से आरोपी को तड़ीपार करने का आदेश पारित किया। उपविभागीय अधिकारी के आदेश को आरोपी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। न्यायालय में सुनवाई के दौरान पोक्सो मामले में आरोपी को न्यायालय ने 6 माह की सजा सुनाने की भी जानकारी सामने आई। इस सजा के बाद पुलिस प्रशासन की अनुशंसा पर तड़ीपार का आदेश दिया गया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने तड़ीपार का आदेश रद्द कर दिया। आरोपी की ओर से एड. राजू कडू ने पक्ष रखा।

दूसरा मामला -  तकनीकी खामियां बनीं आधार

उधर जिला न्याय दंडाधिकारी की ओर से जारी तड़ीपार (स्थानबद्ध) करने के आदेश को हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने रद्द कर दिया है। हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति विनय जोशी और न्यायमूर्ति वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई के दौरान स्थानबद्ध करने के जिलाधिकारी के आदेश में कई तकनीकी खामियों के आधार पर रद्द करने का निर्णय सुनाया गया। ्राप्त जानकारी के मुताबिक, पारशिवनी तहसील के सातक ग्राम निवासी आरोपी रामा देवचंद कुंभलकर (33) के खिलाफ 2 दिसंबर 2023 को जिला न्यायदंडाधिकारी ने तड़ीपार का आदेश पारित किया था। रामटेक पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुंबई प्रतिबंधक अधिनियम की धारा 65 (एफ) के तहत आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज किया था। दो गोपनीय इन कैमरा के समक्ष बयान के आधार पर आरोपी को जेल भेजा गया था। 30 जुलाई 2023 को आरोपी के खिलाफ अंतिम अपराध दर्ज कर रामटेक पुलिस ने 24 अगस्त 2023 को न्यायालय में आरोप-पत्र दायर किया था। इसके बाद जिला न्यायदंडाधिकारी ने 2 दिसंबर 2023 को तड़ीपार आदेश पारित किया, लेकिन आदेश पारित करने में 100 दिनों की देरी को लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया। ऐसे में आरोपी ने एड. आनंद देशपांडे के माध्यम से उक्त आदेश को रद्द करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की। परिसर में अवैध दारू बिक्री मामले को लेकर आरोपी के खिलाफ स्थानबद्ध यानी तड़ीपार आदेश पारित करने को लेकर तर्क संगत रूप से संतुष्ट नहीं होने पर हाई कोर्ट ने उक्त आदेश रद्द कर दिया। न्यायालय में आरोपी की ओर से एड. आनंद देशपांडे और राज्य सरकार की ओर से एड. संजय डोईफोडे ने पक्ष रखा।


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