लोकसभा चुनाव: कांग्रेस लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी को बनाएगी सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा

  • लोकसभा चुनाव के पहले चरण की शुरुआत को दस दिन बचे
  • एमएसपी गारंटी कानून लाने की बात कही
  • एमएसपी और महंगाई को चुनावी मुद्दा बनाने में नाकाम रही कांग्रेस

Tejinder Singh
Update: 2024-04-08 15:42 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के पहले चरण की शुरुआत को दस दिन बचे है, लेकिन न तो किसानों को प्रभावित करने वाला एमएसपी चुनावी मुद्दा बना है और न ही महंगाई और मजदूरों को प्रभावित करने वाला लेबर कोड। हालांकि, कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद एमएसपी गारंटी कानून लाने की बात कही है, लेकिन एमएसपी और महंगाई को चुनावी मुद्दा बनाने में नाकाम रही कांग्रेस ने अब बेरोजगारी को अपना चुनावी मुद्दा बनाने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है।

कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि देश में महंगाई, पुरानी पेंशन, एमएसपी जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दे है। इसे भी हम उठा रहे है, लेकिन रोजगार भी सबसे बड़ा मुद्दा है और पार्टी इसे पूरजोर तरीके से उठाएगी। कांग्रेस नेता की बातों का सार यह था कि पार्टी रोजगार के मुद्दे को ज्यादा तवज्जो देगी और पूरे चुनाव में युवाओं को रिझाने के लिए इसे बड़े पैमाने पर भुनाएगी। वैसे मोदी की गारंटी का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में युवाओं को पांच गारंटी की पेशकश कर ही दी है।

उधर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी कह चुके है कि लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। युवा रोजगार पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और भाजपा ने ही नौजवानों पर बेरोजगारी थोपी है। उन्होंने आईआईटी और आईआईएम का हवाला देते हुए कहा कि 12 आईआईटी में लगभग 30 प्रतिशत छात्रों को नियमित प्लेसमेंट नहीं मिल रहा है और 21 आईआईएम में सिर्फ 20 प्रतिशत ही ग्रीष्मकालीन प्लेसमेंट पूरा हो सका हैं।

चुनाव आयोग के आंकडों के अनुसार लोकसभा चुनाव में मतदान करने के लिए लगभग 97 करोड़ लोग पंजीकृत हैं और उनमें से लगभग 1.85 करोड़ लोग 18-19 आयु वर्ग में हैं। 19 आयु वर्ग जो 2019 में 1.5 करोड़ थे जिनकी संख्या बढकर 2024 में 1.85 करोड़ हो गई है। प्रतिशत में वृद्धि 23.3 हुई है और यह पहली बार वोट करेंगे। इसके अलावा कुल मतदाताओं में 20.38 प्रतिशत (19.74 करोड़) 20-29 आयु वर्ग के हैं।

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