भारत में हिंदी में राष्ट्रीय व्यवहार हो, इसकी कोशिश हो रही है- डाॅ मांडविया

  • हिंदी सलाहकार समिति की बैठक
  • अध्यक्षता करते हुए बोले केन्द्रीय मंत्री
  • भारत में हिंदी में राष्ट्रीय व्यवहार की कोशिश

Tejinder Singh
Update: 2023-05-30 13:41 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. केन्द्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने कहा क हमारे संविधान में राजभाषा को अग्रणी बनाने के महत्वपूर्ण कार्य हो रहे हैं। देश में राष्ट्रीय व्यवहार हिंदी में हो, इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक बड़ा देश है, विविध प्रांत हैं। और विविध प्रांतों में अलग-अलग भषा है, ज्यादातर राज्यों में अपनी भाषाएं हैं। ऐसी स्थिति में देश का काम एक ही भाषा में चले, इसलिए संविधान सभा ने राजभाषा को अंगीकार कर देश में हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया था।

डॉ मांडविया ने यहां रसायन और उर्वरक मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए ये बातें कही। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने सही बात कही थी कि राष्ट्रीय व्यवहार में हिंदी को काम में लाना देश की उन्नति के लिए आवश्क है। इसके लिए महात्मा गांधी ने जो सपना देखा था, सचमुच अगर इस विचार को हम आगे बढ़ा सके तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना पूरा कर सकते हैं। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि राजभाषा सलाहकार समिति की बैठक निरंतर होनी चाहिए। साथ ही हम यह भी संकल्प लें कि हम सभी राजभाषा का प्रयोग करें और इसको बढ़ावा दें। 

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