अध्ययन: कपड़ा उद्योग से उत्पन्न होने वाले अपशिष्ट मात्रा की सरकार को जानकारी नहीं

  • कपड़ा प्रबंधन के सुधार के लिए किया अध्ययन शुरु
  • अपशिष्ट मात्रा की सरकार को जानकारी नहीं
  • कपड़ा उद्योग से उत्पन्न होने वाले अपशिष्ट मात्रा

Tejinder Singh
Update: 2024-02-02 13:21 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था के विकास में कपड़ा उद्योग योगदान दे रहा है, लेकिन इससे संबंधित उद्योगों द्वारा होने वाले कचरे का अनुचित प्रबंधन और अनियमित निपटान पर्यावरण प्रदूषण का कारण बन रहा है। इसे देखते हुए वस्त्र मंत्रालय ने देश में टेक्सटाइल वेस्ट के प्रबंधन में सुधार के लिए टेक्सटाइल वेस्ट मूल्य श्रृखंला, प्री और पोस्ट कन्ज्यूमर दोनों को मैप करने के लिए एक अध्ययन शुरु किया है। राज्यसभा की सदस्य डॉ फौजिया खान द्वारा वस्त्र अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर पूछे सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय वस्त्र राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने यह जानकारी दी है। सांसद खान ने देश में प्रतिवर्ष उत्पन्न होने वाले वस्त्र अपशिष्ट की मात्रा के आंकड़ों के बारे में भी पूछा था, लेकिन सरकार ने कहा कि उसके पास इसके बारे में कोई अधिकृत जानकारी उपलब्ध नहीं है। हालांकि, मंत्री ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की सर्कुलर इकोनॉमी इन म्युनिसिपल सॉलिड एंड लिक्विड वेस्ट रिपोर्ट (2022) के हवाले से बताया कि टेक्सटाइल वेस्ट जो नगर पालिका सॉलिट वेस्ट का एक घटक है, कुल सूखे नगर पालिका सॉलिड वेस्ट का यह 15 प्रतिशत है।  

कपड़ा अपशिष्ट प्रबंधन क्या है?

कपड़ा उद्योग में अपशिष्ट प्रबंधन इस उद्योग में उत्पन्न कचरे के प्रबंधन और उपचार के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण के लिए नवीनतम तकनीकों और सर्वोत्तम प्रथाओं की खोज और व्याख्या करता है।

कपड़ा कचरे का पुनर्चक्रण कैसे किया जाता है?

यांत्रिक प्रसंस्करण एक पुनर्चक्रण विधि है जिसमें कपड़ा कपड़ा टूट जाता है जबकि रेशे अभी भी संरक्षित रहते हैं। एक बार टुकड़े हो जाने पर, इन रेशों को कातकर नए कपड़े बनाए जा सकते हैं।

अपशिष्ट

प्रतिवर्ष बहुत बड़ी तादाद में कपड़ों का उत्पादन किया जाता है, फैशन उद्योग यकीनन तेल उद्योग के बाद दूसरे सबसे बड़े प्रदूषकों में से एक है। कपड़ा पुनर्चक्रण से लैंडफिल स्थान कम होता है, कम प्रदूषण पैदा होता है,और बिजली और पानी की खपत कम होती है। देखा जाए तो कपड़ा पुनर्चक्रण में उपयोग की जाने वाली अधिकांश सामग्रियों को दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है, पूर्व-उपभोक्ता और उपभोक्ता-पश्चात अपशिष्ट।

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