ट्राइब्स इंडिया प्रोडक्ट रेंज में 100 अतिरिक्त वन फ्रेश नैचुरल और ऑर्गेनिक्स प्रोडक्ट्स का ऑनलाइन अनावरण किया गया

ट्राइब्स इंडिया प्रोडक्ट रेंज में 100 अतिरिक्त वन फ्रेश नैचुरल और ऑर्गेनिक्स प्रोडक्ट्स का ऑनलाइन अनावरण किया गया

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-11-03 09:55 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जनजातीय कार्य मंत्रालय ट्राइब्स इंडिया प्रोडक्ट रेंज में 100 अतिरिक्त वन फ्रेश नैचुरल और ऑर्गेनिक्स प्रोडक्ट्स का ऑनलाइन अनावरण किया गया। ट्राइब्स इंडिया प्रोडक्ट रेंज में वन फ्रेश नैचुरल और ऑर्गेनिक्स रेंज के 100 अतिरिक्त उत्पादों का आज ऑनलाइन अनावरण किया गया। 26 अक्टूबर, 2020 के बाद से ट्राइब्स इंडिया साप्ताहिक आधार पर 100 नए उत्पादों / उपज को शामिल करके अपनी उत्पाद रेंज और कैटलॉग का विस्तार कर रही है। ये उत्पाद / उत्पाद 125 ट्राइब्स इंडिया आउटलेट्स, ट्राइब्स इंडिया मोबाइल वैन और ट्राइब्स इंडिया ई-मार्केटप्लेस (ट्राइब्सइंडिया.कॉम) और ई-टेलर्स जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे। इस अवसर पर ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक श्री प्रवीर कृष्ण ने कहा, “यह 100 आर्गेनिक, आवश्यक प्राकृतिक प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले उत्पादों का दूसरा सेट है जिन्हें हमारी सूची में शामिल किया गया है। हमारा यह निरंतर प्रयास है कि देश भर में आदिवासियों (कारीगरों और वनवासियों दोनों) को बढ़ावा दें और एक आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करें।” देश के विभिन्न हिस्सों से आज लॉन्च किए गए उत्पादों में झारखंड की जनजातियों की गोरा चावल, भुना और सादी कुर्थी दाल शामिल हैं। इसके अलावा मोम कॉस्मेटिक उत्पादों की एक नई श्रृंखला, दक्षिण भारत की जनजातियों से रागी उत्पादों की एक श्रृंखला, सूखी मिर्च, काला चावल, मैजिक राइस, असम और उत्तर पूर्व से असम चाय, खूबसूरत बांस के उत्पाद जैसे फर्श लैंप, टेबल मैट और टोकरी, उत्तराखंड के जनजातियों की शहद गुलकंद शामिल है। कुछ पारंपरिक बनाने के लिए जो अब प्राकृतिक उत्पाद उपलब्ध हैं, हिमाचल प्रदेश में किन्नौर जनजातियों से किन्नौरी अखरोट, बादाम और राजमा जैसी ताजा उपज खरीदी गई है। भारत के विभिन्न जनजातियों के चावल (मैजि​क, लाल, गोरा और काला) के विभिन्न रूपों को भी लॉन्च किया गया है। साप्ताहिक आधार पर इन नए अनूठे उत्पादों के लॉन्च के साथ, ग्राहक और आदिवासी आबादी दोनों सकारात्मक रूप से लाभान्वित होंगे। एक तरफ, शुद्ध प्राकृतिक उत्पाद, प्रकृति का एक उपहार देश भर में परिवारों तक पहुंचेगा और उसे बढ़ावा मिलेग और आदिवासी आजीविका का लाभ मिलेगा। परेशानी की इस घड़ी में गो वोकल फॉर लोकल, गो ट्राइबल में गो वोकल फॉर लोकल में मंत्र को अपनाते हुए ट्राइफेड अपने मौजूदा प्रमुख कार्यक्रमों और कार्यान्वयनों के अलावा कई पथ पवर्तक पहल करके पीड़ित और प्रभावित आदिवासी लोगों की स्थिति को सुधारने का प्रयास कर रहा है, जो एक रामबाण और राहत के रूप में सामने आया है।

Similar News