मॉर्थ के निर्देश पर जारी होंगे 100 करोड़ - इसी महीने शुरू होगा एनएच-39 का निर्माण कार्य

मॉर्थ के निर्देश पर जारी होंगे 100 करोड़ - इसी महीने शुरू होगा एनएच-39 का निर्माण कार्य

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-11 12:06 GMT
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डिजिटल डेस्क सिंगरौली (मोरवा)। सीधी-सिंगरौली रोड प्रोजेक्ट लि. के निर्माण को लेकर सरगर्मी तेज हो गयी है। 6 वर्षों से दोनों जिलों के बीच गर्द के गुबार झेल रहे लोगों को जल्द फोरलेन सडक़ मिल जाय, इसकी अपेक्षा की जा रही है। बीते 6 नवम्बर की दिल्ली में सडक़ व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के आवास में हुई बैठक में दिये गये दिशा निर्देशों के बाद बैंक अब गैमन इंडिया को इस प्रोजेक्ट के लिये प्रस्तुत किये गये रिवाइवल ऑफ प्रोजेक्ट के लिये 100 करोड़ रूपए जारी करेगी। इसके अलावा कम्पनी को चेंज ऑफ स्कोप के 35 करोड़ रूपये रिलीज होंगे। बैठक में हुई चर्चा के अनुसार इस प्रोजेक्ट में एक अन्य कम्पनी भी 50 करोड़ रूपये खर्च करेगी। लगभग 185 करोड़ रूपये की वित्तीय व्यवस्था के बाद इस सडक़ के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है और तब जब अभी तक एक बड़े वित्तीय व्यवस्थापक के रूप में देखे जा रहे एनसीएल की सहभागिता बाकी है। यदि सब कुछ तरीके से किया गया तो इस प्रोजेक्ट के फोरलेन को पूरा करने के लिये पर्याप्त धनराशि मुहैय्या हो सकती है।
बीओटी के आधार पर तैयार की जाने वाली सीधी-सिंगरौली सडक़ को परिवहन मंत्री के द्वारा 10 दिन के अंदर निर्माण कार्य शुरू करने के निर्देश दिये गये थे। लेकिन यह कार्य माह के अंत तक ही शुरू होने की संभावना है। जिसके लिये कई वर्षों में जटिल हुई प्रक्रिया को वर्तमान में कार्य किये जाने के लिए तैयार किया जाना बताया जा रहा है। जिसमें एमपीआरडीसी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यदि एमपीआरडीसी ने समय पर अनुकूल दस्तावेज तैयार कर प्रोजेक्ट शुरू होने की पुष्टि कर दी तो सभी बाधाएं दूर हो जायेंगी। 
अभी भी हैं कुछ तकनीकी समस्याएं
बंद प्रोजेक्ट को लेकर अभी भी कुछ तकनीकी समस्याएं हैं। जिन पर बैठक में चर्चा की गई थी, जिसमें एनसीएल के अलावा अन्य विकल्पों पर भी चर्चा की गई है। सूत्रों की मानें तो बैठक में एनसीएल का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिकारी के द्वारा बैठक में सीधे तौर पर सडक़ मंत्रालय से लिखित आदेश चाहा था, जिसके बाद एनसीएल 100 करोड़ रूपये की ग्रांट दे सकने की बात कहा जाना बताया जा रहा है। सवाल यह उठता है कि सडक़ मंत्रालय क्यों लिखकर देगा और भारत सरकार का एक सार्वजनिक उपक्रम किसी निजी कम्पनी या ठेकेदार को ग्रांट कैसे दे सकती है। बैठक में सही तरीके से बात न रख पाने पर एक नये पार्टनर को प्रोजेक्ट में शामिल करने की हरी झंडी मिल गयी है।
टेक्नो यूनिक होगा नया पार्टनर
बैठक में हुई चर्चा के उपरांत सूत्र बताते हैं कि एमपीआरडीसी के प्रयास से प्रोजेक्ट में टेक्नो यूनिक इन्फ्रा. को प्रवेश मिल गया है। यह कम्पनी निर्माण कार्य के लिये 50 करोड़ रूपए खर्च कर राशि के आधार पर बीओटी में पार्टनर की भूमिका निभा सकती है। जो सडक़ को तकनीकी रूप से तैयार करने में मद्द करेगी। इस प्रयास से सीधी-सिंगरौली सडक़ की टू-लेन जल्दी पूरा किया जा सकता है। इससे पहले मोटरेबल कर लोगों को आवागमन की सुविधा शुरू की जानी है।
जिला प्रशासन को करना होगा प्रयास
इस प्रोजेक्ट की पूर्णता को लेकर अभी भी जिला कलेक्टर, गैमन इंडिया लि और एनसीएल एक साथ कार्य करने की जरूरत बतायी जा रही है। जिसके तहत जिला प्रशासन एक त्रिपक्षीय मसौदा तैयार कर एनसीएल का सहयोग ले सकता है। साथ ही एनसीएल की राशि को टोल प्लाजा से पहले अपने ही कांटा से टॉल फीस वसूल कर अपनी भरपाई कर सकता है। इस प्रकार की सुविधा जनक व्यवस्था से इस सडक़ के फोरलेन का निर्माण पूरा किया जा सकता है।

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