तालाब से निकाली 2100 ट्रक मिट्‌टी किनारे ही छोड़ दी, बारिश से फिर तालाब में बह आएगी मिट्‌टी

तालाब से निकाली 2100 ट्रक मिट्‌टी किनारे ही छोड़ दी, बारिश से फिर तालाब में बह आएगी मिट्‌टी

Anita Peddulwar
Update: 2019-07-20 09:32 GMT
तालाब से निकाली 2100 ट्रक मिट्‌टी किनारे ही छोड़ दी, बारिश से फिर तालाब में बह आएगी मिट्‌टी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। करीब 100 साल में पहली बार सूखे गोरेवाड़ा तालाब को और अधिक गहरा करने के लिए नागपुर महानगरपालिका ने बड़े पैमाने पर मिट्टी निकाली। लगभग 2100 ट्रक मिट्टी तालाब के गर्भ से निकाली गई, जिसमें करीब 15 लाख रुपए का खर्च आया। ठेकेदारों ने कुछ ट्रक मिट्टी निर्माणाधीन रिंग रोड में डाल दी, जबकि कुछ मिट्टी से भरे ट्रक गोरेवाड़ा तालाब के किनारे ही उतार दिए। अब तालाब के किनारे बड़े पैमाने पर मिट्टी जमा हो गई है। ऐसे में अब बारिश होने पर ये मिट्टी फिर तालाब में मिलने की आशंका बढ़ गई है। 

ठेकेदार ने अधिक रुचि नहीं दिखाई

पिछले साल अपर्याप्त बारिश के कारण इस बार तोतलाडोह और नवेगांव खैरी बांध सूखे पड़े हैं। गोरेवाड़ा तालाब भी 100 साल में पहली बार सूखा है। सूखने के कारण तालाब के बीच कुआं होने का भी खुलासा हुआ है। इस मौके का फायदा उठाकर मनपा स्थायी समिति सभापति प्रदीप पोहाणे ने गोरेवाड़ा तालाब से मिट्टी निकालकर उसका गहराईकरण करने का निर्णय लिया था। इस अनुसार मनपा के 3 पोकलेन और एक निजी पोकलेन लगाकर बड़े पैमाने पर तालाब से मिट्टी निकाली गई। करीब 2100 ट्रक मिट्टी निकाली गई। मिट्टी निकालने से तालाब और 3 फीट गहरा हो गया है। ट्रकों में भरकर यह मिट्टी निर्माणाधीन रिंग रोड के काम में डलवाई गई। शुरू-शुरू में ठेकेदारों ने मिट्टी उठाकर रिंग रोड के काम में डाल दी, लेकिन बाद में तालाब से उठाई गई मिट्टी तालाब के एक छोर पर या उससे थोड़ी दूर सड़क के किनारे पर फिकवा दी। थोड़ी-थोड़ी करके बड़े पैमाने पर मिट्टी तालाब के एक छोर पर जमा हो गई। ऐसे में अगर भारी बारिश होती है, तो यह मिट्टी फिर तालाब में जाने की आशंका है। इससे मनपा के उद्देश्य को तगड़ा झटका लग सकता है। स्थायी समिति सभापति प्रदीप पोहाणे ने कहा कि काम के समय बारिश आने की वजह से मिट्टी एक छोर पर लगाई गई है, जिसे जल्द हटवा लिया जाएगा। 

गोरेवाड़ा में कई लीकेज

जलसंकट को देखते हुए महापौर नंदा जिचकार ने नागरिकों ने पानी की बचत का आह्वान किया है, लेकिन मनपा की पाइपलाइनों में ही पड़े पैमाने पर लीकेज सामने आ रहे हैं। गोरेवाड़ा परिसर में भी बड़ी पाइपलाइन के वॉल्व में अनेक जगह लीकेज होने का खुलासा हुआ है। सैकड़ों लीटर पानी रोजाना बहता है। फिलहाल कुछ जगह दुरुस्ती का काम शुरू है, लेकिन कुछ जगह अभी तक नजर नहीं पड़ी है।

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