800 रूपये रिश्वत लेने वाले  प्रधान आरक्षक को 4 वर्ष का कारावास

800 रूपये रिश्वत लेने वाले  प्रधान आरक्षक को 4 वर्ष का कारावास

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-02 13:37 GMT
800 रूपये रिश्वत लेने वाले  प्रधान आरक्षक को 4 वर्ष का कारावास

 डिजिटल डेस्क  पन्ना। विशेष न्यायाधीश अनुराग द्विवेदी पन्ना द्वारा अपने न्यायालय में फैसला सुनाते हुये रिश्वत खोरी के मामले में पकड़े गये प्रधान आरक्षक को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में 4 वर्ष का सश्रम कारावास और 5 हजार रूपये का अर्थदण्ड व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1)-डी सहपठित 13(2) मे 4 वर्ष का सश्रम कारावास व 5 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड जमा न करने पर 1 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास के दण्ड से दण्डित किया गया। 
चार वर्ष पूर्व का है मामला 
सागर लोकायुक्त पुलिस द्वारा तत्समय अमानगंज थाना में पदस्थ रहे प्रधान आरक्षक राजेन्द्र गर्ग को एक जमानती प्रकरण के आरोपी की जमानत संबंधी कार्यवाही के लिये 800 रूपये की रिश्वत लेते हुये 4 साल पूर्व 18 सितम्बर 2015 को कार्यवाही करते हुये रंगे हाथो पकड़ा गया था। 
 जानकारी के अनुसार 16 सितम्बर 2015 को फरियादी कृपाल कुशवाहा पिता मुल्ला कुशवाहा उम्र 45 वर्ष निवासी ग्राम बिल्हा तहसील अमानगंज द्वारा लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक सागर को एक लिखित आवेदन देकर शिकायतकी गई थी कि उसके विरूद्ध अमानगंज थाने में एक झूठा प्रकरण दर्ज हुआ है। प्रकरण में लगायी गयी धाराएं जमानती है किंतु अमानगंज थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक राजेन्द्र गर्ग द्वारा जमानत एवं चालान संबंधी कार्यवाही में परेशान करते हुये बार-बार थाने बुलाया जा रहा है । इसके साथ ही 4 हजार रूपये की मांगकी जा रही है। प्रधान आरक्षक द्वारा उसे दिन भर थानें में बैठा दिया जाता और शाम छोड़ा जाता है । 
पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त सागर द्वारा कार्यवाही के लिये 18 सितम्बर 2015 को कार्यवाही के लिये टीम भेजी गयी। लोकायुक्त द्वारा बनायी गयी योजना अनुसार जब फरियादी द्वारा आरोपी प्रधान आरक्षक को थाना परिसर में जब 800 रूपये की रिश्वत दी जा रही थी उसी दौरान  कार्यवाही करते हुये आरोपी प्रधान आरक्षक को रिश्वत के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। 
 

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